Jammu: राष्ट्रीय एकता का संदेश देने लालचौक से निकलीं 'यशस्विनी', 15 राज्यों से होते हुए पहुंचेंगी गुजरात
उपराज्यपाल ने कहा कि यशस्विनी सीआरपीएफ की वीरांगनाओं द्वारा महिला बाइक अभियान नारी शक्ति का प्रतीक है। आज वे धैर्य दृढ़ संकल्प और समर्पण से विभिन्न क्षेत्रों में मील के पत्थर हासिल कर रही हैं। इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो जम्मू कश्मीर में ललदेद हब्बा खातून और रानी दिदां हमें मिलेंगी जिन्होंने यहां के शासन कला संस्कृति और अध्यात्म के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: कौन कहता है कि लड़कों से हम लड़कियां कम हैं... अगर ऐसा होता तो फिर मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक नहीं कहा जाता... यह कहते हुए रितु ने पूरे उत्साह के साथ मोटरसाइकिल में किक लगाई। सीआरपीएफ महिला बाइक अभियान 'यशस्विनी' की सदस्य रितु अपने साथियों संग मंगलवार को एक भारत श्रेष्ठ भारत, राष्ट्रीय एकता, अखंडता और समरसता का संदेश लेकर श्रीनगर से रवाना हो गईं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सुबह ऐतिहासिक लालचौक से इस रैली को झंडी दिखाई। इस अवसर पर वैली क्यूएटी की वीरांगनाओं और सीआरपीएफ के पाइप बैंड ने मंत्रमुग्ध करने वाली शानदार प्रस्तुति दी।
महिला बाइक अभियान नारी शक्ति का प्रतीक
उपराज्यपाल ने कहा कि यशस्विनी, सीआरपीएफ की वीरांगनाओं द्वारा महिला बाइक अभियान नारी शक्ति का प्रतीक है। आज वे धैर्य, दृढ़ संकल्प और समर्पण से विभिन्न क्षेत्रों में मील के पत्थर हासिल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो जम्मू कश्मीर में ललदेद, हब्बा खातून और रानी दिदां हमें मिलेंगी जिन्होंने यहां के शासन, कला, संस्कृति और अध्यात्म के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया। हालांकि, बाद के वर्षों में किन्हीं कारणों से यहां की महिलाएं आगे नहीं बढ़ पाईं।
उन्होंने कहाकि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर में बदलाव की हवा चल रही है, उसमें महिलाएं सभी बंधनों से मुक्त होकर समाज व जीवन के हर क्षेत्र में प्रतिभा साबित कर रही है। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के जरिए देश की आधी आबादी को उसका हक देकर प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि देश का भाग्य बदलने की ताकत नारी शक्ति के पास ही है।
50 महिला कर्मी 25 बाइक पर हैं सवार
यशस्विनी बाइक अभियान में सीआरपीएफ की 50 महिला कर्मी शामिल हैं। ये 25 मोटरसाइकिलों पर सवार होकर देश के 40 जिलों से गुजरते हुए 2134 किलोमीटर का सफर कर 31 अक्टूबर को अहमदाबाद के एकता नगर में पहुंचेगी। श्रीनगर की तरह ही शिलांग और कन्याकुमारी से भी सीआरपीएफ की बाइक रैलियां एकता नगर के लिए निकली हैं। एकता नगर में ही लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति (स्टैचू ऑफ यूनिटी) है। 31 अक्टूबर को उनकी जयंती है, जिसे एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
15 राज्यों से होकर गुजरेगी बाइक रैली
यशस्विनी बाइक अभियान में भाग ले रही डिप्टी कमांडेंट तारा यादव ने कहा कि हम श्रीनगर से केवड़िया, एकता नगर जाएंगे। हम इस अभियान में 15 राज्यों से होकर दो हजार किलोमीटर से अधिक दूरी तय करेंगे। पहली बार किसी बाइक रैली में भाग ले रहीं सुनीता रानी ने कहा कि मैं बहुत खुश और उत्साहित हूं। सीआरपीएफ में शामिल होने के बाद हम लड़कियां हर वह काम करती हैं, जो हमने एक नागरिक के तौर पर पहले नहीं किया था। हमें खुद को साबित करने का मौका मिला। हमें एनफील्ड की सवारी करने का मौका मिला है। हम लड़कों से कम नहीं हैं।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का भी देंगी संदेश
श्रीनगर सेक्टर के महानिरीक्षक (सीआरपीएफ) अजय कुमार यादव ने कहा कि बाइक रैली महिला शक्ति का एक आदर्श उदाहरण है। क्रॉस-कंट्री बाइक अभियान देश की महिला शक्ति का जश्न मनाने के लिए सीआरपीएफ और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का सहयोगात्मक प्रयास है।
यात्रा के दौरान श्रीनगर, शिलांग और कन्याकुमारी की तीनों टीमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत स्कूली बच्चों और कालेज की छात्राओं, महिला स्वयं सहायता समूहों, एनसीसी के कैडेटों, सीसीआइ के बच्चों, एनवाईकेएस के सदस्यों, किशोर-किशोरियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बातचीत कर उन्हें जागरूक करेंगी।
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