हड़ताल पर सरकारी कर्मियों पर कार्रवाई के आदेश को महबूबा मुफ्ती ने बताया अपमानजनक, बोली- 'तानाशाही मानसिकता की आ रही बू'
जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में अब सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते। अगर करेंगे तो नपेंगे और उनके खिलाफ सेवा नियमों के तहत कार्रवाई होगी। इन नियमों पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस आदेश में तानाशाही मानसिकता की बू आती है।
By Jagran NewsEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sat, 04 Nov 2023 04:36 PM (IST)
पीटीआई, श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन के उस आदेश को 'अपमानजनक' बताया, जिसमें कर्मचारियों को अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन और हड़ताल करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
महबूबा मुफ्ती बोलीं- 'तानाशाही मानसिकता की आती बू'
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस आदेश से तानाशाही मानसिकता की बू आती है। इसके साथ ही उन्होंने एक्स पर कहा कि सरकारी कर्मचारियों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर एलजी प्रशासन का पूर्ण प्रतिबंध तानाशाही मानसिकता का संकेत देता है। लोकतंत्र में तर्क की आवाज को दबाना अस्वीकार्य है। उन्हें गंभीर परिणाम और अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी देना अपमानजनक है।
नियमों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने शुक्रवार को कर्मचारियों को उनके प्रस्तावित आंदोलन को आगे बढ़ाने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के कृत्यों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जम्मू और कश्मीर सरकार कर्मचारी (आचरण) नियम, 1971 यह स्पष्ट कर रही है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी अपनी सेवा या किसी अन्य सरकारी कर्मचारी की सेवा से संबंधित किसी भी मामले के संबंध में किसी भी तरह से हड़ताल का सहारा नहीं लेगा या किसी भी तरह से उकसाएगा नहीं।
साथ ही आदेश में कहा गया कि कानून का प्रावधान केवल घोषणात्मक प्रकृति का नहीं है और ऐसे किसी भी कर्मचारी के ऐसे कृत्यों में लिप्त पाए जाने की स्थिति में निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
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