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DC Rail Line को बंद हुए हो गए पांच साल; 15 जून को ही बंद हो गया था पर‍िचालन

15 जून 2017 की वह मनहूस घड़ी जब डीसी रेल लाइन में ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया। सुरक्षात्मक कारण बताकर सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय से पूरे कोयलांचल में बवाल मच गया था। ट्रेनों की सुविधा छीन जाने से क्षेत्र की जनता आंदोलन पर उतर आई थी।

By Atul SinghEdited By: Updated: Tue, 14 Jun 2022 08:21 PM (IST)
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15 जून 2017 की वह मनहूस घड़ी जब डीसी रेल लाइन में ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया।

संवाद सहयोगी, कतरास: 15 जून 2017 की वह मनहूस घड़ी जब डीसी रेल लाइन में ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया। सुरक्षात्मक कारण बताकर सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय से पूरे कोयलांचल में बवाल मच गया था। 26 जोड़ी यात्री ट्रेनों  की सुविधा छीन जाने से आहत क्षेत्र की जनता आंदोलन पर उतर आई थी।

सड़क से लेकर संसद तक यह सवाल उठा कि एकाएक कैसे परिचालन बंद कर दिया गया। जनता ने महात्मा गांधी के हथियार सत्याग्रह को अपनाया। 20 महीने तक लगातार सत्याग्रह चलता रहा। एक ओर स्टेशन रोड में महाधरना तो दूसरी ओर स्टेशन परिसर में प्रार्थना सभा होती रही। प्रदर्शन, उपवास, वार्ता, घेराव, रैलियों के माध्यम से जनता हमेशा आंदोलन से जुड़ी रही। प्रतिनिधि मंडल सरकार के सभी संस्थाओं तक जनता की बातों को पहुंचाने का काम करते रहे। चंद्रपूरा से लेकर कतरास तक और बंसजोड़ा से कतरास तक रेल लाइन पर पदयात्राएं हुई। गुजराती समाज, माधुरी समाज, भुईयां समाज, चैंबर ऑफ कामर्स, धनबाद बार एसोसिएशन आदि ने भी इस आंदोलन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। जन आंदोलन के दबाव के आगे सरकार ने वास्तविकता को समझ और 25 फरवरी 2019 को डीसी रेल लाइन ट्रेनों का पुनः परिचालन शुरू किया। लेकिन आज भी कई ट्रेनों का परिचालन नही हो रहा है। यहां तक कि जो ट्रेनें चल रही है, उनमें से कई का कतरासगढ़ स्टेशन पर ठहराव सुनिश्चित नही हुआ है। पूर्व की भांति जब तक सभी ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं होता है।  निर्धारित स्थानों पर ठहराव नही होता है तब तक माना जायेगा आंदोलन मुकाम पर नही पहुंचा है। इसलिए रेल आंदोलनकारी 15 जून को अपने संकल्प मजबूत करने के कतरासगढ़ स्टेशन पर जमा होते हैं।