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Jamshedpur News : Tata Steel के सिक्योरिटी से 16 कर्मचारियों का कलिंगनगर तबादला

टाटा वर्कर्स यूनियन के इतिहास में यह पहली बार है जब नान ओपीआर (कर्मचारी) ग्रेड के कर्मचारियों तबादला जमशेदपुर से बाहर हुआ है। कंपनी प्रबंधन ने सभी सरप्लस कर्मचारियों को तबादले का पत्र थमाकर उन्हें एक जुलाई के बाद कलिंगनगर में रिपोर्ट करने का आदेश दिया है।

By Sanam SinghEdited By: Updated: Fri, 01 Jul 2022 06:12 PM (IST)
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Jamshedpur News : यूनियन नेतृत्व की ओर से कोई पहल नहीं हुई।

जासं, जमशेदपुर : टाटा स्टील के सिक्योरिटी विभाग से 16 कर्मचारियों का कलिंगनगर प्रोजेक्ट में तबादला किया गया है। टाटा वर्कर्स यूनियन के इतिहास में यह पहली बार है जब नान ओपीआर (कर्मचारी) ग्रेड के कर्मचारियों तबादला जमशेदपुर से बाहर हुआ है। यूनियन सूत्रों की माने तो कंपनी प्रबंधन ने सभी सरप्लस कर्मचारियों को तबादले का पत्र थमाकर उन्हें एक जुलाई के बाद कलिंगनगर में रिपोर्ट करने का आदेश दिया है।

टाटा स्टील के सिक्योरिटी विभाग में 31 जुलाई 2020 को री-आर्गेनाइजेशन (आरओ) फाइनल हुआ था। उस समय विभाग में कुल 347 कर्मचारी कार्यरत थे। कंपनी प्रबंधन ने इसे घटाकर 180 करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन 280 पर आरओ फाइनल हुआ। इसके बाद शेष 67 कर्मचारियों को सरप्लस होना था। हालांकि इनमें से कई कर्मचारी सेवानिवृत्त भी हुए। कंपनी प्रबंधन ने सभी कर्मचारियों व यूनियन नेतृत्व को आश्वस्त किया था कि किसी कर्मचारी को सरप्लस नहीं किया जाएगा। इन्हें फिर से ट्रेनिंग देकर दूसरे विभागों में प्लेसमेंट दिया जाएगा। इसके लिए कर्मचारियों ने ट्रेनिंग कर परीक्षा व साक्षात्कार भी दिए। इनमें से कई कर्मचारियों का जमशेदपुर प्लांट के अलग-अलग विभागों में समायोजन हुआ। अंतिम समय तक 21 कर्मचारी बचे। जिनमें से छह को दूसरे विभागों में समायोजित किया गया जबकि शेष 16 कर्मचारियों को शुक्रवार शाम चार बजे से पहले शावक नानावटी टेक्नीकल इंस्टीट्यूट में रिपोर्ट करने को कहा गया है। साथ ही तबादला पाने वाले सभी कर्मचारियों को 45 दिनों के अंदर क्वार्टर भी खाली करने को कहा गया है।

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पूरे मामले में यूनियन नेतृत्व मौन

सिक्योरिटी विभाग से सरप्लस हो रहे कर्मचारियों ने बीच का रास्ता निकालने व उन्हें जमशेदपुर प्लांट में ही समायोजित करने के लिए पिछले दिनों एक पत्र टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व को भेजा था। लेकिन यूनियन नेतृत्व की ओर से न ही कोई पहल हुई और न ही अब तबादला होने के बाद इस मामले में कोई खुल कर बोलना चाहता है। यूनियन नेतृत्व सिर्फ यही कह रहा है कि कंपनी प्रबंधन मदर एग्रीमेंट का सम्मान कर रही है। जिसके तहत प्रबंधन चाहे तो किसी भी कर्मचारी का तबादला किसी भी प्लांट या सब्सिडरी कंपनी में कर सकती है। हालांकि समझौते के तहत कर्मचारियों को नौकरी के बदले नौकरी मिल रही है। साथ ही उनका वर्तमान बेसिक-डीए भी प्रोटेक्ट रहेगा। इसके अलावा कलिंगनगर में कई अन्य भत्ते भी मिलेंगे जिससे उनके वेतन में सात से आठ हजार रुपये की बढ़ोतरी होगी। लेकिन प्रबंधन की इस पहल से शुरू हुई नई परंपरा से कर्मचारी सांसत में हैं।