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RSS News: गुरु पूर्णिमा कल... RSS का गुरु पूजन के माध्यम से पुराने स्वयंसेवकों को जोड़ने की तैयारी

RSS News श्रद्धा एवं समर्पण का विशेष पर्व गुरु पूर्णिमा बुधवार को है। दो वर्ष बाद इस वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सभी शाखाओं पर गुरु पूर्णिमा मनाने की तैयारी है। आरएएस द्वारा गुरु पूजन के माध्यम से पुराने स्वयंसेवकों को जोड़ने की तैयारी की जा रही है।

By Sanjay KumarEdited By: Updated: Tue, 12 Jul 2022 10:01 AM (IST)
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RSS News: आरएसएस का गुरु पूजन के माध्यम से पुराने स्वयंसेवकों को जोड़ने की तैयारी।

रांची, [संजय कुमार]। RSS News श्रद्धा एवं समर्पण का विशेष पर्व गुरु पूर्णिमा बुधवार को है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छह प्रमुख उत्सवों में से एक गुरु पूर्णिमा का उत्सव सभी स्वयंसेवक उत्साह के साथ मनाते हैं। दो वर्ष बाद इस वर्ष संघ की सभी शाखाओं पर गुरु पूर्णिमा मनाने की तैयारी है। कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो वर्ष तक कई शाखाओं को मिलाकर एक स्थान पर स्वयंसेवकों की सीमित संख्या रखकर पूजन किया गया था। इस वर्ष संघ का प्रयास है कि उस दिन वैसे सभी लोगों को पूजन करने की सूचना दी जाए जो कभी न कभी शाखा गए हैं और ध्वज प्रणाम किया है।

संघ का मानना है कि स्वयंसेवक बनने की प्रक्रिया सतत जारी रहती है और जो लोग कभी शाखा पर गए और किसी कारण से जाना बंद कर दिया, वैसे सभी लोगों को गुरु पूजन के लिए आमंत्रित किया जाए। इस तरह पुराने स्वयंसेवकों को जोड़ने की तैयारी की जा रही है। पूजन के समय सभी स्वयंसेवक भगवा ध्वज की पूजा करने के साथ अपनी सामर्थ्य व इच्छा के अनुसार राशि समर्पित करते हैं। उसी राशि से संगठन का वर्ष भर का खर्च चलता है। चाहे संघ के सभी प्रचारकों के प्रवास में आने वाला व्यय हो या संघ कार्यालय व बैठकों में आने वाला खर्च।

गुरु पूर्णिमा के दिन ही अधिक से अधिक स्वयंसेवकों से पूजन कराने की तैयारी

संघ ने इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन ही अधिक से अधिक स्वयंसेवकों से पूजन कराने की तैयारी की है। प्रयास है कि जो जिस इलाके में रहते हैं वहीं की शाखा पर जाकर पूजन व राशि समर्पण करें। किन्हीं कारण से उस दिन जो स्वयंसेवक उत्सव में शामिल नहीं हो सकें, उनके लिए बाद में पूजन की व्यवस्था की जाएगी। कोरोना के कारण पिछले वर्ष गुरु पूजन उत्सव एक माह से ज्यादा समय तक चला था। इस वर्ष पूरे देश में 15 से 20 दिनों में इसे समाप्त कर लेने की तैयारी है। झारखंड में यह उत्सव 13 से 31 जुलाई तक मनाया जाएगा।

संघ के शताब्दी वर्ष को देखते हुए इस बार पूजन व समर्पण का विशेष महत्व

संघ ने अपने शताब्दी वर्ष को देखते हुए 2024 तक देश के सभी मंडल व बस्ती तक शाखा शुरू करने की योजना बनाई है। इसके लिए सभी खंड व नगरों में विस्तारक भेजने की तैयारी चल रही है। इसके लिए स्वयंसेवक दो वर्ष के लिए समय देने को आगे आ रहे हैं। विस्तारक बढ़ने पर संघ का खर्च भी बढ़ेगा। इसलिए इस बार पूजन व समर्पण का विशेष महत्व है। इसके लिए संघ के दायित्वधारी स्वयंसेवक व पदाधिकारी स्वयंसेवकों से विशेष रूप से संपर्क कर रहे हैं। प्रयास है कि कोई भी स्वयंसेवक छूटे नहीं।