Jharkhand News: 20 साल से नौकरी कर रहे शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता साफ, 15 हजार टीचरों को मिलेगा फायदा
राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए खुशखबरी वाली खबर आई है। ऐसे शिक्षक जो बेसिक ग्रेड (इंटर प्रशिक्षित) में पिछले 20 साल से कार्य करने के बाद जिन्हें प्रोन्नति नहीं मिली हो उन्हें प्रधानाध्यापक (ग्रेट सात) के पदों पर प्रोन्नति में छूट दी जाएगी। बता दें कि यह छूट प्रधानाध्यापक के पद पर ग्रेड चार में कम से कम पांच साल कार्य करने पर मिलेगी।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Teacher News राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत वैसे शिक्षक जो बेसिक ग्रेड (इंटर प्रशिक्षित) में 20 वर्ष तक कार्य कर चुके हों और उन्हें प्रोन्नति नहीं मिली हो, उन्हें प्रधानाध्यापक (ग्रेट सात) के पदों पर प्रोन्नति में छूट मिलेगी।
एक बार के लिए यह छूट प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति के लिए ग्रेड चार में न्यूनतम पांच वर्ष कार्य करने से मिलेगी। इसका लाभ उन लगभग 15 हजार प्राथमिक शिक्षकों को मिलेगा, जो अभी तक प्रोन्नति से वंचित हैं।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तैयार झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक प्रोन्नति नियमावली-2024 के ड्राफ्ट में किया गया है। हालांकि विभाग द्वारा तैयार नियमावली के इस ड्राफ्ट के कई प्रविधानों पर विभिन्न शिक्षक संघों ने आपत्ति की है। इस छूट को लेकर संघों की कोई आपत्ति नहीं है।
क्या चाहिए योग्यता
प्रस्तावित नियमावली में यह भी प्रविधान किया गया है कि निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत अर्थात राज्य में 16 दिसंबर 2014 के बाद नियुक्त इंटर प्रशिक्षित शिक्षकों को कक्षा छह से आठ के कैडर में प्रोन्नति के लिए जेटेट उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा।
इसके पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर यह अनिवार्यता लागू नहीं होगी। वर्ष 2015-16 में नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों के संघ झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ ने इसपर आपत्ति करते हुए सभी शिक्षकों पर इसे लागू करने की मांग रखी है।
शिक्षक संघ ने किया विरोध
प्रस्तावित नियमावली में प्रधानाध्यापक के पदों पर प्रोन्नति में 50 प्रतिशत पद कक्षा छह से आठ में सीधे नियुक्त (वर्ष 2015-16 में) प्राथमिक शिक्षकों को देने तथा 50 प्रतिशत पद पूर्व से कार्यरत प्राथमिक शिक्षकों को देने का भी प्रविधान किया गया है।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसका विरोध करते हुए कहा कि प्रधानाध्यापक के पद इसलिए रिक्त हैं, क्योंकि पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को समय पर प्रोन्नति नहीं दी गई। प्रस्तावित नियमावली में मेधांक के आधार पर वरीयता तय करने की भी बात कही गई है, जिस पर दोनों संघों ने आपत्ति की है।झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ का कहना है कि वर्ष 2015-16 में जिला स्तर पर नियुक्ति हुई थी, जिसमें विभिन्न जिलों में अलग-अलग कट ऑफ गया था। इसलिए यह प्रविधान व्यावहारिक नहीं होगा।
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