APJ Abdul Kalam Death Anniversary: यहां देखें ‘मिसाइल मैन’ को मिले पुरस्कारों की लिस्ट और अनदेखी तस्वीरें
APJ Abdul Kalam Death Anniversary डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 15 October 1931 को रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने 27 जुलाई 2015 को अपनी आखिरी सांस ली थी। इस साल मिसाइल मैन की मत्यु को 8 साल हो गए हैं। इस खबर में जानिए कि उन्हें कितने पुरस्कार मिले थे।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। APJ Abdul Kalam Death Anniversary: अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम उर्फ एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। उन्होंने 27 जुलाई 2015 को अपनी आखिरी सांस ली थी। इस साल 'मिसाइल मैन' (missile man of india) की मत्यु को 8 साल हो गए हैं। ‘मिसाइल मैन’ के नाम से मशहूर डॉ. कलाम का आज ही के दिन साल 2015 में IIM शिलांग में भाषण देते समय दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
आज भले ही डॉ. कलाम हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन आज भी लोगों को उनकी मिशाल दी जाती है। साल 2002 में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गए थे। वे अपनी सादगी के लिए भी मशहूर थे। उनके जीवन के कई ऐसे किस्से हैं जो आज भी लोगों के लिए चर्चा का विषय बनते हैं।
कौन हैं एपीजे अब्दुल कलाम?
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (1931-2015) एक प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति (2002-2007) थे। उन्हें "मिसाइल मैन" के नाम से जाना जाता है, उन्होंने देश के रक्षा और अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत की परमाणु क्षमताओं में कलाम के महत्वपूर्ण योगदान ने उन्हें सम्मान और प्रशंसा दिलाई।
अपनी वैज्ञानिक उपलब्धियों के अलावा, वह विशेष रूप से युवाओं के बीच शिक्षा, नवाचार और राष्ट्रीय विकास की वकालत करने वाले एक प्रेरणादायक व्यक्ति थे। उनकी सादगी, दूरदर्शिता और लोगों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें भारत के इतिहास में सबसे प्रिय राष्ट्रपतियों में से एक बना दिया। कलाम की विरासत पीढ़ियों को बड़े सपने देखने और उज्जवल भविष्य की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करती रहती है।
एपीजे अब्दुल कलाम के प्रमुख योगदान
विज्ञान, प्रौद्योगिकी और राष्ट्रीय विकास में एपीजे अब्दुल कलाम के योगदान के साथ-साथ युवाओं को प्रेरित करने की उनकी विनम्रता और जुनून ने उन्हें भारत और दुनिया भर के लोगों के दिलों में प्रशंसा और श्रद्धा का स्थान दिलाया है। उनके कुछ महत्वपूर्ण योगदानों में शामिल हैं:
- कलाम ने भारत के बैलिस्टिक मिसाइल और अंतरिक्ष कार्यक्रमों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के सफल विकास में प्रमुख व्यक्ति थे, जिसने भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत किया है।
- प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख के रूप में, कलाम ने 1998 में पोखरण में भारत के सफल परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारत एक परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित हुआ।
- कलाम भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) से निकटता से जुड़े थे। उन्होंने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) और जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट प्रक्षेपण यान (GSLV) सहित विभिन्न उपग्रह प्रक्षेपण वाहनों के विकास की वकालत और समर्थन किया।
- कलाम एक दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने "विजन 2020" की अवधारणा को स्पष्ट किया, जो वर्ष 2020 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने का एक खाका था। उन्होंने इस लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रौद्योगिकी, शिक्षा और सतत विकास के महत्व पर जोर दिया।
एपीजे अब्दुल कलाम को मिले पुरस्कारों की सूची-
एपीजे अब्दुल कलाम का शानदार व्यक्तित्व लोगों को आज भी बहुत कुछ सिखाता है। उनके योगदान को विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान और प्रशंसा से सम्मानित किया गया, जिनमें कई पुरस्कार शामिल हैं:
ऑनरेरी डिग्रियां (Honorary Degrees)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के पुरस्कार
83 वर्ष की उम्र में मेघालय में हुआ था निधन
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु 27 जुलाई 2015 को मेघालय में 83 साल की उम्र में हुई थी। अंतिम समय में भी वह लोगों को राष्ट्र की मजबूती के लिए प्रेरित कर रहे थे।
राष्ट्रपति बनने से पहले जब डॉ. कलाम केंद्र सरकार में सलाहकार थे तो वह बेंगलुरु स्थित डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) में पहुंचे थे। उस समय भी वह रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनना होगा, चर्चा करते दिखे थे।
एपीजे अब्दुल कलाम की कुछ अनदेखी तस्वीरें यहां देखें-
(फोटो सोर्स- quora.com)
(फोटो सोर्स- BCCL)
(फोटो सोर्स- ISRO)
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(फोटो सोर्स- Twitter)
(फोटो सोर्स- BCCL)
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(फोटो सोर्स- Twitter)
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
APJ अब्दुल कलाम ने पृथ्वी, अग्नि, त्रिशूल, नाग व आकाश नामक मिसाइलें बनाई थीं।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को भारत के तमिलनाडु के एक छोटे से शहर रामेश्वरम में हुआ था। वह एक मुस्लिम परिवार में पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनके पिता एक नाव मालिक थे, और उनकी माँ एक गृहिणी थीं।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को 48 विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी। 15 अक्टूबर 1931 को जन्मे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवनकाल में 48 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त की।
अग्नि की उड़ान (1999), इग्नाइटेड माइंड्स (2002), माइ जर्नी: ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इंटु ऐक्शंस अब्दुल कलाम (2013), भारत (2020) और कई अन्य किताबें लिखी हैं।