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African Swine Fever: केरल के कोट्टायम में मिले अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के मामले, 48 सुअर को मारा; मांस पर प्रतिबंध

केरल में एवियन फ्लू का खतरा का अभी टला नहीं था कि अब कोट्टायम जिले के निजी पिग फार्म में अफ्रीकी स्वाइन फीवर का केस सामने आया है। जानकारी के अनुसार इस वायरस के सामने आने के बाद कई पिग की मौत हुई। जबकि कुछ को मार दिया गया है।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sat, 29 Oct 2022 08:15 AM (IST)
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African Swine Fever: केरल के कोट्टायम में मिला अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का मामला (फाइल फोटो)

कोट्टायम, एजेंसी। केरल के कोट्टायम जिले के निजी पिग फार्म में अफ्रीकी स्वाइन फीवर का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, बीते दिनों दो-तीन में 6-7 पिग की मृत्यु हुई है। महामारी वैज्ञानिक राहुल एस ने बताया कोट्टायम जिले में इसका पहला मामला 13 अक्टूबर को आया था। जिसके बाद अगले 2-3 दिनों में फार्म में 6-7 पिग की मृत्यु हुई है। उन्होंने बताया कि हमने सैंपल को जांच के लिए भेजा है, जहां इस वायरस की पुष्टि हुई है।

किसान के पास मौजूद थे कुल 67 पिग

महामारी वैज्ञानिक राहुल के अनुसार, फार्म में किसान के पास कुल 67 मौजूद पिग थे, जिसमें से 19 पहले ही मर चुके थे और 48 पिग को हमने मारा है। इस क्षेत्र में जानवरों के परिवहन और बिक्री, जानवरों के मांस की बिक्री और जानवरों को ले जाने वाले वाहनों पर सख्त प्रतिबंध लगाय है।

अफ्रीकी स्वाइन फ्लू

वहीं, केरल के कोट्टायम जिले के एक सुअर फार्म में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के मामले की पुष्टि के बाद अधिकारियों ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। अधिकारियों ने पोर्क बेचने वाली मांस की दुकानों को बंद कर दिया। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं कि संक्रमित क्षेत्र से कोई सुअर नहीं ले जाया जाए।

20 हजार पक्षियों को मारने का दिया निर्देश

इससे पहले केरल में एवियन फ्लू के चलते 20 हजार से ज्यादा पक्षियों को मारने के लिए बड़े स्तर पर अभियान शुरु किया गया है। जानकारी के अनुसार, बतखों में एवियन फ्लू की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद केरल में पक्षियों को मारने के लिए निर्देश दिए गए। इस फ्लू की पुष्टि होने के बाद अलाप्पुझा जिले में हजारों पक्षियों को मारा जा रहा है।

क्या है अफ्रीकी स्वाइन फीवर?

अफ्रीकी स्वाइन फ्लू एक वायरल बीमारी है, जिसमें मृत्यु दर 100 प्रतिशत तक हो सकती है। वायरल का प्रकोप घरेलू और जंगली सूअरों दोनों को प्रभावित करता है। हालांकि, इस वायरल का असर मनुष्यों पर नहीं होता है। लेकिन यह शारीरिक संपर्क के माध्यम से एक सुअर से दूसरे सुअर में पहुंच जाता है।

Avian Flu: केरल में बढ़ा एवियन फ्लू का खतरा, 20 हजार से ज्यादा पक्षियों को मारने का अभियान शुरू

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