Packaged Food: पैकेटबंद उत्पादों पर निर्माण तिथि, प्रति इकाई बिक्री मूल्य लिखना अनिवार्य; उपभोक्ताओं को होगी सहूलियत
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने सोमवार को कहा कि सभी पैकेट उत्पादों पर निर्माण तिथि और प्रति इकाई बिक्री मूल्य एक जनवरी से लिखना अनिवार्य हो गया है। इससे पहले कंपनियों को डिब्बा बंद उत्पादों पर निर्माण तिथि या आयात की तारीख अथवा पैकेजिंग की तारीख प्रकाशित करने का विकल्प दिया गया था। निर्माण तिथि प्रकाशित होने से उपभोक्ताओं को मदद मिलेगी।
पीटीआई, नई दिल्ली। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने सोमवार को कहा कि सभी पैकेट उत्पादों पर निर्माण तिथि और प्रति इकाई बिक्री मूल्य एक जनवरी से लिखना अनिवार्य हो गया है। इससे पहले कंपनियों को डिब्बा बंद उत्पादों पर निर्माण तिथि या आयात की तारीख अथवा पैकेजिंग की तारीख प्रकाशित करने का विकल्प दिया गया था।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ताजा अधिसूचना के अनुसार, अब कंपनियों के लिए सामान के 'प्रति इकाई बिक्री मूल्य' के साथ केवल 'निर्माण तिथि' प्रकाशित करना अनिवार्य किया गया है।
निर्माण तिथि प्रकाशित होने से उपभोक्ताओं को मिलेगी मदद
रोहित कुमार ने बताया कि चूंकि पैकेट बंद सामान की बिक्री विभिन्न मात्राओं में की जाती है, ऐसे में महत्वपूर्ण है कि उपभोक्ता डिब्बा बंद सामान की प्रति इकाई बिक्री कीमत से अवगत हों। ताकि वह सभी जानकारी के साथ सोच-विचार कर वस्तु खरीद सके। निर्माण तिथि प्रकाशित होने से उपभोक्ताओं को यह जानने में मदद मिलेगी कि पैक की गई वस्तु कितनी पुरानी है। इससे वे सोच-विचार कर खरीदारी का निर्णय कर सकेंगे।
बफर स्टॉक के लिए 25 हजार टन प्याज खरीदी
रोहित कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ने 2023 के खरीफ सीजन में अब तक बफर स्टॉक के लिए 25 हजार टन प्याज की खरीदारी कर ली है। पिछले वर्ष रबी सीजन में पांच लाख टन प्याज की खरीदारी की गई थी। अब सरकार ने बफर स्टॉक की सीमा को दो लाख टन और बढ़ाकर सात लाख टन कर दिया है।
वहीं, कृषि आयुक्त पीके सिंह के अनुसार पिछले सप्ताह तक देश में 320.54 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोआई हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अगले 10 दिनों में बोआई के अंतर की भरपाई होने की उम्मीद है।