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क्या जब्त होगा राजनैतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड से मिला चंदा? एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला

राजनैतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले चंदे को जब्त करने की मांग उठी है। डॉक्टर खेम सिंह भाटी ने सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में याचिका दाखिल की। याचिका में मांग की गई है कि प्राप्त राशि पर आयकर लगाया जाए। याचिका में केंद्र सरकार समेत कई पक्षों को प्रतिवादी बनाया गया है। 23 राजनैतिक दलों को इलेक्टोरल बांड के माध्यम से कुल 12516 करोड़ रुपये मिले हैं।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sat, 06 Jul 2024 08:13 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट फिर पहुंचा इलेक्टोरल बॉन्ड मामला।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इलेक्टोरल बॉन्ड का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल हुई है जिसमें इलेक्टोरल बॉन्ड योजना 2018 के जरिये राजनीतिक दलों को मिले चंदे की राशि जब्त करने की मांग की गई है। याचिका में यह भी मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाए जो कि जांच करके पता लगाए कि चुनावी चंदे के बदले लाभ तो नहीं दिया गया है यानी लेनदेने की बात तो नहीं है।

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सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की थी इलेक्टोरल बॉन्ड योजना

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने गत 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड योजना 2018 को रद्द कर दिया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनैतिक दलों को मिले चंदे का पूरा ब्योरा भी सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एसबीआई ने इलेक्टोरल का ब्योरा चुनाव आयोग के साथ साझा किया था। चुनाव आयोग ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए ब्योरा वेबसाइट पर अपलोड किया था।

खेम सिंह दाखिल की याचिका

इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित यह नई रिट याचिका डॉक्टर खेम सिंह भाटी ने दाखिल की है। वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया इनके अधिवक्ता हैं। याचिका में केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और केंद्रीय सर्तकता आयोग के अलावा सभी राजनैतिक दलों को प्रतिवादी बनाया गया है। दाखिल याचिका में यह भी मांग की गई है कि आयकर अथारिटी को निर्देश दिया जाए कि वह सभी राजनैतिक दलों का 2018-19 से 2023-24 तक का एसेसेमेंट पुन: खोलें और पुर्नमूल्यांकन करे और उनके द्वारा आयकर अधिनिमय की धारा 13ए के तहत किये गये छूट के दावे को अमान्य करे।

आयकर और पेनाल्टी लगाने की मांग

मांग है कि इलेक्टोरल बॉन्ड से प्राप्त राशि पर आयकर लगाया जाए और ब्याज व पेनाल्टी भी वसूली जाए। याचिकाकर्ता का कहना है कि राजनैतिक दलों द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए प्राप्त की गई राशि न तो दान है और नहीं स्वेच्छा से दी गई राशि है, बल्कि ये बारटर मनी (बदले में दी गई राशि) है जो क्विड प्रो क्यू (बदले में लाभ) अनुचित लाभ देने के बदले विभिन्न कारपोरेट घरानों से प्राप्त की गई है।

एडीआर ने अपलोड किया ब्योरा

याचिका में कहा गया है कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने अपने वेबसाइट पर माई नेता इन्फो में इलेक्टोरल बांड का ब्योरा वेबसाइट पर अपलोड किया है। इस ब्योरे को देखने से पता चलता है कि 23 राजनैतिक दलों ने इलेक्टोरल बांड के जरिए कुल 12516 करोड़ रुपये 12 अप्रैल 2019 से लेकर 15 फरवरी 2024 के बीच 1210 दानकर्ताओं से प्राप्त किये और इनमें से 21 दानकर्ताओं ने 100 करोड़ से ज्यादा की राशि दान दी। 

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