Bird Flu: बर्ड फ्लू का टीका तैयार करने में ICAR को मिली सफलता, कामर्शियल उत्पादन में लगेंगे चार महीने
बर्ड फ्लू का यह टीका एच9एन2 लो पैथाजेनिक वायरस के लिए तैयार किया गया है। नए टीके से बर्ड फ्लू के हर साल भारी नुकसान उठाने वाले पॉल्ट्री उद्योग और किसानों को भारी राहत मिलेगी। कामर्शियल उत्पादन में लगेंगे तीन चार महीने
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Mon, 02 Jan 2023 09:50 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बर्ड फ्लू जैसे वायरल संक्रामक रोग से पॉल्ट्री किसानों और उद्योग को सालाना हजारों करोड़ के होने वाले नुकसान को रोकने वाला घरेलू टीका तैयार करने में सफलता मिली है। आइसीएआर के भोपाल स्थित अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के बनाए इस टीके का कामर्शियल उत्पादन अगले तीन महीने में शुरु हो जाएगा। पशुधन विकास व चिकित्सा उप महानिदेशक (डीडीजी) डॉक्टर बीएन त्रिपाठी ने बताया कि स्वेदशी टीके से पॉल्ट्री उद्योग को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू का यह टीका एच9एन2 लो पैथाजेनिक वायरस के लिए तैयार किया गया है।
बर्ड फ्लू के टीके से पॉल्ट्री उद्योग को मिलेगी भारी राहत
नए टीके से बर्ड फ्लू के हर साल भारी नुकसान उठाने वाले पॉल्ट्री उद्योग और किसानों को भारी राहत मिलेगी। डीडीजी त्रिपाठी ने बताया कि बर्ड फ्लू जैसी बीमारी से मुर्गी पालक किसानों और पॉल्ट्री उद्योग को हर साल बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। जहां भी इसका प्रकोप होता है, वहां के लगभग एक किमी के दायरे की सभी मुर्गियों को नष्ट कर दिया जाता है। 100 फीसद नुकसान से छोटे किसानों का बुरा हाल होता है। इसकी सूचना वर्ल्ड आर्गनाइजेशन आफ एनीमल हेल्थ को देनी पड़ती है। तैयार किए गए टीके के उत्पादन और उसके लगाने के पहले ही केंद्र सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है, जो इसके प्रभावों पर नजर रखने के साथ वायरस के बदलते स्वरूप को भी भांपेगी।
आइसीएआर के तैयार टीके के कामर्शियल उत्पादन के लिए चार प्रमुख निजी कंपनियों को इसे सौंप दिया गया है। इनमें सिकंदराबाद की ग्लोबियान, पुणे की वेंकटेश्वरा हैचरीज, गुड़गांव कीइंडोवैक्स व अहमदाबाद की हेस्टर बायोसाइंसेज लिमिटेड का नाम प्रमुख है। टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ आइसीएआर के वैज्ञानिक संबंधित कंपनियों के लोगों को प्रशिक्षित भी करेंगे।