G20 Summit: 'भारत के साथ जल्द होंगे अहम रक्षा सौदे', PM मोदी से लंबी बातचीत के बाद बोले मैक्रों
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि भारत के साथ जल्द ही कुछ बड़े रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर होने वाले हैं। ये समझौते अगले कुछ महीनों के भीतर ही होंगे। फ्रांस अभी भारत का एक अहम रक्षा साझेदार बन चुका है। मैक्रों ने कहा कि दोनों देशों के रक्षा क्षेत्र की कंपनियों के बीच बेहतर सामंजस्य बनाने के लिए औद्योगिक रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 10 Sep 2023 09:35 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि भारत के साथ जल्द ही कुछ बड़े रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर होने वाले हैं। ये समझौते अगले कुछ महीनों के भीतर ही होंगे। फ्रांस अभी भारत का एक अहम रक्षा साझेदार बन चुका है।
भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) को राफेल युद्धक विमान की आपूर्ति फ्रांस कर रहा है। अब इस रिश्ते का विस्तार किया जा रहा है। जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में भाग लेने आए नई दिल्ली आए मैक्रों ने 10 सितंबर, 2023 को पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Modi) के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
इसे भी पढ़ें: PM Modi ने कनाडा से जताई भारत विरोधी गतिविधियों पर चिंता, कहा- संबंधों में प्रगति के लिए आपसी विश्वास जरूरी
क्या कुछ बोले मैक्रों?
बाद में मैक्रों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों के रक्षा क्षेत्र की कंपनियों के बीच बेहतर सामंजस्य बनाने के लिए औद्योगिक रोडमैप तैयार किया जा रहा है। मोदी के साथ मुलाकात में इस बारे में भी सहमति बनी कि इस रोडमैप पर जल्द सहमति बनाई जाएगी।
सनद रहे कि फ्रांस को भारतीय कूटनीति में नया 'यूएसएसआर' कहा जाने लगा है। जिस तरह से सोवियत गणराज्य पूर्व में भारत को हर मुद्दे पर समर्थन करता रहा उसी तरह से फ्रांस भी अब तकरीबन हर कूटनीतिक व रणनीतिक मुद्दे पर भारत के साथ खड़ा होता है। इसका ताजा उदाहरण जी-20 का नई दिल्ली घोषणा-पत्र है। मैक्रों का कहना है,
इस घोषणा पत्र के जरिए भारत पूरी दुनिया को शांति और अमन का संदेश दिया है। मौजूदा वैश्विक माहौल में भारत ने बेहतरीन काम किया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या यूक्रेन के मुद्दे को दबा नहीं दिया गया है तो मैक्रों का जवाब था कि साफ कहा जाए तो जी-20 सुरक्षा और राजनीतिक मुद्दे का मंच नही है। यहां आर्थिक संबंधों, पर्यावरण, समाजिक विकास जैसे मुद्दों पर बहस करने व वैश्विक समाधान होता है। जहां तक यूक्रेन पर रूस के हमले का सवाल है तो यह काफी निदंनीय है। फ्रांस समेत सारे यूरोपीय देश इसकी घोर निंदा कर रहे हैं। रूस पर प्रतिबंध भी हमने लगा रखे हैं।