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स्विस बैंक अकाउंट के लिए अनिल अंबानी को दिया आयकर नोटिस, विभाग ने मुकदमा चलाने की मांग की

आयकर विभाग ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी के विरुद्ध काला धन अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मांग की। उन पर दो स्विस बैंक खातों में जमा 814 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित धनराशि पर 420 करोड़ रुपये की जानबूझकर कर चोरी का आरोप लगाया गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Tue, 23 Aug 2022 09:57 PM (IST)
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रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ।

नई दिल्ली, एजेंसी। आयकर विभाग ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी के विरुद्ध काला धन अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मांग की है। उन पर दो स्विस बैंक खातों में जमा 814 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित धनराशि पर 420 करोड़ रुपये की जानबूझकर कर चोरी का आरोप लगाया गया है। विभाग का कहना है कि उन्होंने जानबूझकर टैक्स अधिकारियों के समक्ष अपने विदेशी बैंक खातों का विवरण उजागर नहीं किया। उन्हें इस संदर्भ में महीने की शुरुआत में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिस पर उनसे 31 अगस्त तक जवाब मांगा गया है। अनिल अंबानी के कार्यालय ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है।

420 करोड़ रुपये की कर चोरी का आरोप

आयकर विभाग का कहना है कि उन पर काला धन (अघोषित विदेशी आय एवं परिसंपत्तियां) कराधान अधिनियम, 2015 की धारा-50 और 51 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, जिसमें जुर्माने के साथ अधिकतम 10 साल कारावास की सजा का प्रविधान है। अनिल अंबानी पर आकलन वर्ष 2012-13 से 2019-20 के बीच विदेश में अघोषित परिसंपत्तियां रखकर कर चोरी करने का आरोप लगाया गया है। प्रेट्र के पास उपलब्ध नोटिस की कापी के मुताबिक, कर अधिकारियों को पता चला कि अनिल अंबानी बहामास स्थित कंपनी डायमंड ट्रस्ट और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड (बीवीआइ) में बनाई गई एक और कंपनी नार्दर्न अटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड (एनएटीयू) में निवेशक और स्वामी हैं।

दो अकाउंट में जमा 814 करोड़ रुपये की अघोषित धनराशि 

बहामास के ट्रस्ट के मामले में विभाग को पता चला कि उसकी ड्रीमवर्क होल्डिंग इंक नामक एक कंपनी थी। इस कंपनी का स्विस बैंक में एक अकाउंट था जिसमें 31 दिसंबर, 2007 को 3.2 करोड़ डालर से अधिक की रकम जमा थी। नोटिस के मुताबिक, ट्रस्ट को शुरुआत में करीब 2.5 करोड़ डालर की धनराशि प्राप्त हुई थी। विभाग का आरोप है कि इस धनराशि का स्त्रोत अनिल अंबानी का निजी अकाउंट था।

2006 में इस ट्रस्ट को खोलने के लिए अनिल अंबानी ने केवाईसी दस्तावेज में अपना पासपोर्ट दिया था। इस ट्रस्ट के लाभार्थियों में उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में जुलाई, 2010 में बनाई गई कंपनी का अकाउंट ज्यूरिख स्थित बैंक आफ साइप्रस में है। विभाग ने दावा किया कि इस कंपनी और इसकी रकम के अनिल अंबानी पूर्ण लाभकारी स्वामी हैं।

अनिल अंबानी कार्यालय ने नहीं जाहिर की कोई प्रतिक्रिया

आरोप है कि इस कंपनी को 2012 में बहामास में पंजीकृत पीयूएसए नामक कंपनी से 10 करोड़ डालर की धनराशि प्राप्त हुई थी। विभाग के मुताबिक इस कंपनी के स्वामी भी अनिल अंबानी हैं। विभाग ने नोटिस में कहा है, 'उपलब्ध साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि आप विदेशी ट्रस्ट डायमंड ट्रस्ट व ड्रीमव‌र्क्स होल्डिंग इंक के बैंक अकाउंट के योगदानकर्ता एवं स्वामी और एनएटीयू व पीयूएसए के स्वामी हैं। इसलिए इन कंपनियों की धनराशि और परिसंपत्तियां आपकी हैं।' आयकर विभाग का आरोप है कि अनिल अंबानी ने इन विदेशी परिसंपत्तियों का उल्लेख अपने आयकर रिटर्न में नहीं किया था, इसलिए उन्होंने काला धन अधिनियम के प्रविधानों का उल्लंघन किया है।