भारत को मिली स्विस बैंक के नए खातों की जानकारी, टैक्स चोरी से लेकर मनी लांड्रिंग की जांच में मिलेगी मदद
वैश्विक समझौते के तहत स्विस बैंक ने एक बार फिर भारत सहित 104 देशों के साथ 36 लाख खाते की जानकारी साझा की है। स्विस बैंक की तरफ से खाता रखने वाले की पहचान उनका देश टैक्स पहचान संख्या एकाउंट बैलेंस और कैपिटल इनकम की जानकारी समझौते में शामिल देशों के साथ साझा की जाती है। इस साल कजाखस्तान मालदीव और ओमान को इस सूची में शामिल किया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वैश्विक समझौते के तहत स्विस बैंक ने एक बार फिर भारत सहित 104 देशों के साथ 36 लाख खाते की जानकारी साझा की है। आटोमेटिक एक्सचेंज आफ इन्फार्मेशन के वैश्विक फ्रेमवर्क के तहत स्विट्जरलैंड हर साल स्विस बैंक की जानकारी साझा करता है। भारत को इस समझौते के तहत इससे पहले चार बार स्विस बैंक के खाते की जानकारी मिल चुकी है।
आतंकवाद को फंडिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में मिलती है मदद
स्विस बैंक की तरफ से खाता रखने वाले की पहचान, उनका देश, टैक्स पहचान संख्या, एकाउंट बैलेंस और कैपिटल इनकम की जानकारी समझौते में शामिल देशों के साथ साझा की जाती है। इस प्रकार की जानकारी साझा करने से टैक्स चोरी करने वालों के साथ मनी लांड्रिंग और आतंकवाद को फंडिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में मदद मिलती है। वहीं यह भी पता लग जाता है कि कोई व्यक्ति विदेश में जमा अपनी राशि की सही जानकारी दे रहा है या नहीं। अगले साल सितंबर में स्विट्जरलैंड की तरफ से स्विस बैंक के खाते की नई जानकारी साझा की जाएगी।
104 देशों के साथ की गई खाते की जानकारी साझा
सोमवार को इस संबंध में फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफटीए) की तरफ से कहा गया कि इस साल 104 देशों के साथ स्विस बैंकों के खाते की जानकारी साझा की गई है। पिछले साल 101 देशों के साथ यह जानकारी साझा की गई थी। इस साल कजाखस्तान, मालदीव और ओमान को इस सूची में शामिल किया गया है।
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भारतीय एजेंसियों को मिल रही है मदद
सूत्रों के मुताबिक पिछले पांच सालों से स्विस बैंक से जानकारी मिलने की वजह से भारतीय एजेंसियों को टैक्स चोरी संबंधी जांच में काफी मदद मिल रही है। उन्हें बड़ी संख्या में स्विस बैंक में खाता रखने वालों भारतीय कंपनियों व लोगों की जानकारी मिल रही है। भारत को यह भी पता लग रहा है कि स्विस खाते में किसने कितनी रकम जमा की और उस खाते से कितनी रकम कहां ट्रांसफर की गई।
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