India Maldives Row: मालदीव में क्या करती है भारतीय सेना, राष्ट्रपति मुइज्जू क्यों करना चाहते हैं देश से बाहर?
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन की यात्रा से वापस लौटने के बाद यह समय सीमा तय की है। हालांकि भारत ने अब तक उनकी इस मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। आइये जानते हैं मालदीव में भारत के कितने सैनिक हैं और वे वहां क्या कर रहे हैं? बता दें कि चीन पर मालदीव की निर्भरता बढ़ रही है।
जेएनएन, नई दिल्ली। India Maldives Row। पीएम मोदी ने कुछ दिनों पहले लक्षद्वीप का दौरा किया था। प्रधानमंत्री ने वहां की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर की। इन तस्वीरों पर मालदीव के तीन नेताओं ने भारत और पीएम मोदी के आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी।
मालदीव के नेताओं के बयान की वजह से दोनों देशों के बीच रिश्ते बिगड़ गए। वहीं, चीन की ओर मुइज्जू सरकार के झुकाव की वजह से दोनों के रिश्ते और बिगड़ सकते हैं। इसी बीच राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने आधिकारिक तौर पर भारत को अपने सैनिक हटाने के लिए 15 मार्च का समय दिया है।
मालदीव में क्या कर रहे है भारतीय सैनिक
भारत का कहना है कि सैनिक मालदीव (Indian Army in Maldives) के नागरिकों को मानवीय मदद पहुंचाने के साथ राहत बचाव कार्य में मदद करते हैं। भारत ने मालदीव को दो हेलीकॉप्टर और एक ड्रॉनियर विमान भी दे रखा है। इनका इस्तेमाल मुख्य रूप से समुदी निगरानी, खोज एवं बचाव अभियान और चिकित्सा निकासी में किया जाता है। भारत के पहले हेलीकॉप्टर और चालक दल ने मालदीव में 2010 में काम शुरू किया था। उस समय मोहम्मद नशीद मालदीव के राष्ट्रपति थे।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुझ्ज्जू ने कहा है कि भारत 15 मार्च तक मालदीव में रह रहे अपने सैनिकों को वापस बुला ले।
मुइज्जू ने चीन की यात्रा से वापस लौटने के बाद यह समय सीमा तय की है। हालांकि भारत ने अब तक उनकी इस मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। आइये जानते हैं मालदीव में भारत के कितने सैनिक हैं और वे वहां क्या कर रहे हैं?
कितने भारतीय सैनिक
अधिकारियों का कहना है कि मालदीव में भारत के 77 सैनिक तैनात है। इसके अलावा भारतीय सशस्त्र बलों के 12 मेडिकल कमी भी वहा है।
मालदीव में चीन की भूमिका
मालदीव ऐसी जगह पर है कि सुरक्षा के नजरिए से उसका रणनीतिक महत्व है। ऐसे में चीन भी मालदीव में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। मालदीव की लगभग पांच लाख की आबादी चावल, सब्जी, दवाओं और मानवीय मदद के लिए भारत पर निर्भर है।
लेकिन पिछले साल नवंबर में मुझज्जू राष्ट्रपति बने है। उन्होंने चुनाव में मालदीव से भारतीय सैनिको को बाहर निकालने का वादा किया था। मुइज्जू ने परंपरा से हट कर पहली विदेश यात्रा के लिए भी चीन को चुना। इससे पहले मालदीव के राष्ट्रपति पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुनते रहे है। मुइज्जू को चीन का समर्थक माना जाता है।
चीन पर बढ़ रही मालदीव की निर्भरता
बता दें कि ये द्वीप हिंद महासागर में सबसे व्यस्त समुद्री व्यापार राजमार्गों में से एक पर स्थित है। यहां से चीन का लगभग 80 प्रतिशत तेल आयात गुजरता है। वहीं मालदीव में चीन की सैन्य मौजूदगी भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गया है।