Indian Air Force: युद्ध की प्रकृति में बदलाव का पूर्वानुमान लगाना जरूरी- वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि सशस्त्र बलों के नेतृत्व को समझना होगा कि उन्हें युद्ध के बाद प्रतिक्रिया देने के बजाय हमेशा इसकी प्रकृति में बदलाव का पूर्वानुमान लगाना होगा। दिल्ली में भारत शक्ति द्वारा आयोजित इंडिया डिफेंस कान्क्लेव 2023 को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि वायुसेना का विजन चार स्तंभों पर टिका है।
पीटीआई, नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि सशस्त्र बलों के नेतृत्व को समझना होगा कि उन्हें युद्ध के बाद प्रतिक्रिया देने के बजाय हमेशा इसकी प्रकृति में बदलाव का पूर्वानुमान लगाना होगा। उन्होंने कहा कि वायुसेना का अपने शताब्दी दशक में विजन है, तकनीकी विकास के साथ तालमेल बनाए रखना और अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में काम करना।
चार स्तंभों पर टिका है वायुसेना का विजन
दिल्ली में 'भारत शक्ति' द्वारा आयोजित 'इंडिया डिफेंस कान्क्लेव 2023' को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा
वायुसेना का विजन चार स्तंभों पर टिका है। पहला क्षमता विकास, प्रौद्योगिकी आत्मसात, मानव संसाधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण और निश्चित रूप से संयुक्तता व एकीकरण। उन्होंने एक पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण में वायुसेना के दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
हर वक्त करना होगा विश्लेषण
उन्होंने कहा कि दुनियाभर में जिस तरह की उथल-पुथल देखी जा रही है, उसने हमारी क्षमताओं का लगातार पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता को जन्म दिया है। चाहे हमें छोटे और तेज युद्ध के लिए सुसज्जित व प्रशिक्षित होने की आवश्यकता हो या हमें लंबे संघर्ष के लिए सुसज्जित व प्रशिक्षित होने की आवश्यकता हो। देश या दुनिया के किस हिस्से पर भविष्य में असर पड़ने वाला है, हमें हर वक्त यह विश्लेषण करते रहना होगा।
यह भी पढ़ेंः वायु सेना दिवस की 91वीं वर्षगांठ पर पहली बार महिला अफसर शैलजा धामी ने संभाली परेड की कमान
विमानों की खरीद पर क्या बोले वायुसेना प्रमुख?
अपने संबोधन में वायुसेना प्रमुख ने हाल में शामिल सी-295 विमानों और 84 सुखोई-30 एमकेआइ लड़ाकू विमानों के उन्नयन के अलावा 97 तेजस मार्क-1ए विमानों के अतिरिक्त बेड़े की खरीद की वायुसेना की योजना के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा
सी-295 परियोजना में सात राज्यों के 125 एमएसएमई शामिल होंगे और 40 लाख से अधिक घंटे का काम पैदा होने की उम्मीद है। कामकाज के इन घंटों का 96 प्रतिशत काम भारत में किया जाएगा।
यह भी पढ़ेंः Indian Air Force Day पर वायुवीरों का शौर्य देख दर्शक हुए भाव विभोर; PM Modi, राजनाथ सिंह ने दी बधाई