भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग देगा NASA, भारत यात्रा पर एजेंसी प्रमुख बिल नेल्सन; चंद्रयान-3 की सफलता की भी दी बधाई
नासा और इसरो के पहले सेटेलाइट मिशन के रुप में नाइसार एक क्रांतिकारी पहल साबित होगी जिसके जरिये पृथ्वी के बदलते इकोसिस्टम परिवर्तनीय सतह बर्फ बायोमास प्राकृतिक आपदाओं बढ़ते समुद्री स्तर भूजल जलवायु परिवर्तन और कृषि के बारे में तमाम जरूरी जानकारी मिलेगी। नेल्सन ने अपनी भारत यात्रा के दौरान कहा कि हम इसरो और नासा के बीच साझेदारी को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने कहा है कि उनका संगठन अगले साल के अंत तक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आइएसएस) पहुंचने के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्री को प्रशिक्षित करेगा। एक सप्ताह के लिए भारत की यात्रा पर आए नेल्सन ने भारत को स्पेस की बड़ी ताकत बताते हुए कहा कि चंद्रयान-3 एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। नेल्सन की यह यात्रा एनआइएसएआर स्पेस क्राफ्ट की तैयारियों के लिहाज से बेहद अहम है।
यह भारत और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसियों का पृथ्वी की निगरानी का साझा उपक्रम है, जिसे अगले साल लांच किया जाना है। इस समय यह परीक्षण और एकीकरण के दौर से गुजर रहा है। इसे नाइसार भी कहा जाता है। यह नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर राडार का संक्षिप्त रूप है। इसमें इसरो और नासा की बराबर की हिस्सेदारी है। यह पहली बार है जब दोनों एजेंसियों ने अर्थ आब्जर्वेटरी मिशन के हार्डवेयर के लिए आपस में हाथ मिलाया है।
इसरो और नासा के बीच साझेदारी और होगी मजबूत
यह मिशन इसरो के बनाए राकेट पर जाएगा। नासा और इसरो के पहले सेटेलाइट मिशन के रुप में नाइसार एक क्रांतिकारी पहल साबित होगी, जिसके जरिये पृथ्वी के बदलते इकोसिस्टम, परिवर्तनीय सतह, बर्फ, बायोमास, प्राकृतिक आपदाओं, बढ़ते समुद्री स्तर, भूजल, जलवायु परिवर्तन और कृषि के बारे में तमाम जरूरी जानकारी मिलेगी। नेल्सन ने अपनी भारत यात्रा के लिए जबरदस्त उत्साह दिखाया और कहा कि हम इसरो और नासा के बीच साझेदारी को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारत भविष्य का बहुत बड़ा सहयोगी
नेल्सन ने बताया कि इसरो आइएसएस जाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्री को तैयार करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहा है। स्पेस में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भारत भविष्य का बहुत बड़ा सहयोगी है। अपनी इस यात्रा के बारे में मीडिया से बात करते हुए नेल्सन ने कहा कि अमेरिका 2024 में निजी लैंडरों को साउथ पोल में उतारने जा रहा है, लेकिन भारत ने सबसे पहले यहां पहुंचने में कामयाबी हासिल की। इसलिए भारत को बधाई।
कल भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री से होगी मुलाकात
नेल्सन एक सप्ताह तक देश के अलग-अलग हिस्सों में अंतरिक्ष सहयोग को लेकर भारतीय अधिकारियों और निजी एजेंसियों के लोगों से मिलेंगे। वह बुधवार को बेंगलुरु में भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा से भी मिलेंगे। नेल्सन ने कहा कि आखिरी बार उनकी 1991 में राकेश शर्मा से मुलाकात की थी।
उन्होंने कहा कि राकेश से मुलाकात को लेकर वह बहुत उत्सुक हैं, हालांकि पिछले 31-32 सालों में वह फोन पर उनसे कई बार बात कर चुके हैं। राकेश शर्मा ने विघटित हो चुके सोवियत संघ के मिशन में अंतरिक्ष की यात्रा की थी।