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बंद होना चाहिए NRI कोटे का बिजनेस, SC ने पूछा- हम एजुकेशन सिस्टम पर क्या कर रहे हैं?

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली पंजाब सरकार व दो अन्य की याचिकाएं खारिज कर दीं। पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट ने बिल्कुल सही फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि NRI कोटे की धोखाधड़ी बंद होनी चाहिए। इसने देश की शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता कमजोर की है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Tue, 24 Sep 2024 08:53 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा बंद होनी चाहिए NRI कोटे की धोखाधड़ी। (File Photo)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पंजाब में मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के एनआरआई कोटे का दायरा बढ़ाने के तय मानकों पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सवाल उठाते हुए तीखी टिप्पणियां कीं और इसे धोखाधड़ी करार दिया। कोर्ट ने एनआरआई कोटे का लाभ लेने के लिए तय शर्तों को देखकर कहा कि यह पूरी तरह फ्राड (धोखाधड़ी) है, अब यह बंद होना चाहिए।

पंजाब सरकार की अधिसूचना रद

कोर्ट ने कहा इससे बैक डोर एंट्री को रास्ता मिलता है। इसने देश की शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता कमजोर की है। यह और कुछ नहीं, पैसा बनाने का जरिया है। इन तीखी टिप्पणियों के साथ शीर्ष अदालत ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का आदेश सही ठहराते हुए पंजाब सरकार की याचिका खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने 11 सितंबर को एनआरआई कोटे का दायरा बढ़ाने की पंजाब सरकार की अधिसूचना रद कर दी थी।

एनआरआई कोटे की परिभाषा का विस्तार

पंजाब सरकार ने 20 अगस्त को अधिसूचना जारी कर मेडिकल में प्रवेश के लिए 15 प्रतिशत एनआरआई कोटे की परिभाषा का विस्तार कर दिया था। उसमें एनआरआई के रिश्तेदार, जैसे चाचा, चाची, दादा, दादी, नाना, नानी, चचेरे भाई आदि को भी शामिल कर दिया था।

कोटा बिजनेस को बंद होना चाहिए

मंगलवार को जब मामला सुनवाई पर आया तो जस्टिस चंद्रचूड़ ने एनआरआई की विस्तारित परिभाषा देखकर कहा कि यह क्या है? इसमें नजदीकी रिश्तेदारों पर भी विचार करने की बात है, यह तो बहुत अस्पष्ट चीज है। यह तो सिर्फ पैसा बनाने की मशीन है। हमें अब इस एनआरआई कोटा बिजनेस को बंद कर देना चाहिए। यह पूरी तरह धोखाड़ी है।

पैसे के बल पर मेडिकल में प्रवेश

तभी एनआरआई कोटे का दायरा बढ़ाने का विरोध कर रहे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह और कुछ नहीं, बल्कि पैसे के बल पर मेडिकल में प्रवेश पाने का जरिया है। पंजाब में तो सभी के एनआरआई रिश्तेदार हैं। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल के 636 अंक आए हैं व उसे एडमिशन नहीं मिला, जबकि इस कोटे में लगभग 250 अंक पाने वाले को एडमिशन मिला है।

एनआरआई कोटा सिस्टम के नुकसानदेह परिणाम

वहीं दूसरे पक्ष के वकील ने विस्तारित कोटे को जायज ठहराने की कोशिश की, लेकिन पीठ संतुष्ट नहीं हुई। कोर्ट ने कहा, इसके नुकसानदेह परिणाम देखिए जिस छात्र के तीन गुना ज्यादा अंक आए हैं, वह प्रवेश नहीं पाएगा और विदेश में बसे मामा, ताई, ताया के दूर के रिश्तेदारों को मेधावी छात्रों से पहले प्रवेश मिल जाएगा। इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।

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