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Supreme Court: रोक के बाद भी क्यों जलाई जा रही पराली, सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से मांगा जवाब

दिल्ली के पड़ोसी राज्य पंजाब में जलाई जा रही पराली का धुंआ दिल्ली की आबोहवा खराब करने भले ही अभी दिल्ली न पहुंचा हो लेकिन पराली जलने का मामला जरूर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शीर्ष अदालत ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से पराली जलने से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए किये जा रहे उपायों पर जवाब मांगा है।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Tue, 24 Sep 2024 10:55 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से मांगा जवाब

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के पड़ोसी राज्य पंजाब में जलाई जा रही पराली का धुंआ दिल्ली की आबोहवा खराब करने भले ही अभी दिल्ली न पहुंचा हो लेकिन पराली जलने का मामला जरूर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पराली जलने का मामला उठा।

शीर्ष अदालत ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से पराली जलने से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए किये जा रहे उपायों पर जवाब मांगा है। पूछा है कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

शुक्रवार को होगी सुनवाई

कोर्ट मामले पर शुक्रवार को फिर सुनवाई करेगा। मंगलवार को वायु प्रदूषण मामले में कोर्ट की मददगार न्यायमित्र वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह ने न्यायमूर्ति अभय एस ओका और आगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ के समक्ष पराली जलने का मामला उठाया।

अपराजिता ने कहा कि पराली जलना शुरू हो गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से इस पर स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए। पूछा जाए कि ऐसा क्यों हो रहा है और क्या कार्रवाई की गई है। उनकी दलीलों पर पीठ ने केंद्र सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से पेश एडीशनल सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि कोर्ट इस पर शुक्रवार तक जवाब चाहता है।

भाटी ने कहा कि आवश्यक जानकारी कोर्ट को उपलब्ध कराई जाएगी। मालूम हो कि हर वर्ष दिल्ली में सर्दियां आते आते वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इसमें पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश में पराली (फसल के अवशेष) जलने से भी बढ़ोत्तरी होती है।

कोर्ट ने दिए थे पराली जलाने पर रोक के आदेश

पिछले वर्ष ही कोर्ट ने पराली जलाने पर रोक के आदेश दिये थे और दिल्ली सहित एनसीआर के राज्यों से वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए कदम उठाने और इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों में सहयोग करने के आदेश दिये थे। कोर्ट ने इस संबंध में अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह के उपाय करने को कहा था ताकि वायु प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान निकल सके।