राष्ट्रपति ने किया अखिल भारतीय संथाली लेखक संघ के 36वें वार्षिक सम्मेलन और साहित्यिक महोत्सव का किया उद्घाटन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो दिवसीय ओडिशा दौरे के लिए आज सुबह विशेष विमान से बारीपदा पहुंची। वहां से वह सीधे अखिल भारतीय संथाली लेखक संघ के 36वें वार्षिक सम्मेलन और साहित्यिक महोत्सव में शामिल हुईं। इस मौके पर उन्होंने संथाली भाषा और साहित्य में योगदान देने वाले लेखकों और शोधकर्ताओं की सराहना की। इस दौरान राज्यपाल रघुवर दास भी उपस्थित रहे।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को बारीपदा में अखिल भारतीय संथाली लेखक संघ के 36वें वार्षिक सम्मेलन और साहित्यिक महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने संथाली भाषा और साहित्य में योगदान देने वाले लेखकों और शोधकर्ताओं की सराहना की।
राष्ट्रपति ने अटल बिहारी वाजपेयी जी को किया याद
उन्होंने इस बात की सराहना की कि अखिल भारतीय संथाली लेखक संघ 1988 में अपनी स्थापना के समय से ही संथाली भाषा को बढ़ावा दे रहा है।
उन्होंने कहा कि 22 दिसंबर, 2003 को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने के बाद सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्रों में संथाली भाषा का उपयोग बढ़ा है।
उन्होंने इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी जी को याद किया, जिनके कार्यकाल के दौरान संथाली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था।
संथाली साहित्य ने भाषा को किया समृद्ध
राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकांश संथाली साहित्य मौखिक परंपरा में उपलब्ध है। पंडित रघुनाथ मुर्मू ने न केवल ओल चिकी लिपि का आविष्कार किया है, बल्कि उन्होंने 'बिदु चंदन', 'खेरवाल बीर', 'दरगे धान', 'सिदो-कान्हू- संथाल हूल' जैसे नाटकों की रचना कर संथाली भाषा को और समृद्ध किया है।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कई संथाली लेखक अपनी रचनाओं से संथाली साहित्य को समृद्ध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि दमयंती बेसरा और काली पड़ा सरेन - जिन्हें खेरवाल सरेन के नाम से जाना जाता है - को शिक्षा और साहित्य के लिए क्रमशः 2020 और 2022 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।
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लेखक हैं समाज के सजग प्रहरी: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा कि लेखक समाज के सजग प्रहरी हैं। वे अपने काम के माध्यम से समाज को जागरूक करते हैं और मार्गदर्शन करते हैं। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई साहित्यकारों ने हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को रास्ता दिखाया।
उन्होंने लेखकों से आग्रह किया कि वे अपने लेखन के माध्यम से समाज में लगातार जागरूकता पैदा करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि आदिवासी समुदायों के लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना एक महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा कि निरंतर जागरूकता से ही एक मजबूत और सतर्क समाज का निर्माण संभव है।
आदिवासी समाज के जीवन मूल्यों को समझना जरूरी
राष्ट्रपति ने कहा कि साहित्य एक समुदाय की संस्कृति का दर्पण होता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी जीवन शैली में प्रकृति के साथ मनुष्य का प्राकृतिक सह-अस्तित्व देखा जाता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदायों का मानना है कि जंगल उनका नहीं है, बल्कि वे जंगल के हैं।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज जलवायु परिवर्तन एक बड़ी समस्या है और इस मुद्दे से निपटने के लिए प्रकृति के अनुकूल जीवन बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने लेखकों से आदिवासी समुदायों की जीवन शैली के बारे में लिखने का आग्रह किया ताकि अन्य लोग आदिवासी समाज के जीवन मूल्यों के बारे में जान सकें।
LIVE: President Murmu graces the Inaugural Session of 36th Annual Conference & Literary Festival of All India Santali Writers association https://t.co/7hJzs34NVR— President of India (@rashtrapatibhvn) November 20, 2023
संथाली रचनाओं का अधिक से अधिक हो अनुवाद
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत विभिन्न भाषाओं और साहित्य का एक सुंदर उद्यान है। उन्होंने कहा कि भाषा और साहित्य वे सूक्ष्म धागे हैं जो राष्ट्र को एक साथ बांधते हैं और साहित्य विभिन्न भाषाओं के बीच व्यापक आदान-प्रदान से समृद्ध होता है, जो अनुवाद के माध्यम से संभव है।
उन्होंने कहा कि संथाली भाषा के पाठकों को अनुवाद के माध्यम से अन्य भाषाओं के साहित्य से भी परिचित कराया जाए। उन्होंने संथाली साहित्य को अन्य भाषाओं के पाठकों तक पहुंचाने के लिए इसी तरह के प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित किया।
सभी स्वदेशी भाषाओं में हो रोचक बाल साहित्य: मुर्मू
राष्ट्रपति ने कहा कि बच्चों को शुरू से ही स्वाध्याय में व्यस्त रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही सेल्फ स्टडी करके कोई भी अच्छा पाठक बन सकता है।
उन्होंने मनोरंजक और बोधगम्य बाल साहित्य बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि न केवल संथाली साहित्य में बल्कि सभी भारतीय भाषाओं में रोचक बाल साहित्य बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए।
आज विशेष विमान से बारीपदा पहुंची राष्ट्रपति
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू वायु सेना के विशेष विशेष विमान से बारीपदा पुलिस मैदान में पहुंची, जहां पर राज्यपाल रघुवर दास एवं केंद्र मंत्री विशेश्वर टुडू, ओडिशा सरकार के दो मंत्री जगन्नाथ सारका, मंत्री सुदामा मरांडी ने स्वागत किया। यहां से राष्ट्रपति सीधे 36वें सर्व भारतीय संथाली लेखक सम्मेलन एवं साहित्य महोत्सव कार्यक्रम में भाग लेने पहुंची। राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल रघुवर दास भी उपस्थित रहे।
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