पेरिस ओलंपिक से पहले बजरंग पूनिया को मिली बड़ी राहत, अस्थाई निलंबन हटा, मेहनत लाई रंग
नाडा ने 23 अप्रैल को टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पूनिया पर 23 अप्रैल तक का प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भी यही कार्रवाई की थी। बिश्केक में हुए एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर के लिए पुरुष टीम के चयन ट्रायल 10 मार्च को सोनीपत में हुए थे और बजरंग हारने के बाद मूत्र का नमूना दिए बिना स्थान से चले गए थे।
पीटीआई, नई दिल्ली: राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी की अनुशासन पैनल (एडीडीपी) ने पहलवान बजरंग पूनिया को नाडा द्वारा आरोप का नोटिस नहीं दिए जाने तक उन पर लगा अस्थाई निलंबन हटा दिया है। पूनिया ने मार्च में चयन ट्रायल के बाद डोप टेस्ट के लिए नमूना देने से इन्कार किया था।
नाडा ने 23 अप्रैल को टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पूनिया पर 23 अप्रैल तक का प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भी यही कार्रवाई की थी। बिश्केक में हुए एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर के लिए पुरुष टीम के चयन ट्रायल 10 मार्च को सोनीपत में हुए थे और बजरंग हारने के बाद मूत्र का नमूना दिए बिना स्थान से चले गए थे। उन्होंने तीसरे चौथे स्थान के मुकाबले में भाग भी नहीं लिया था।
बजरंग ने दी थी चुनौती
बजरंग ने अपने वकील के मार्फत अस्थायी निलंबन को चुनौती दी थी। उन्होंने एडीडीपी को अपने जवाब में दोहराया था कि उन्होंने कभी नमूना देने से इन्कार नहीं किया लेकिन वह जानना चाहते थे कि नाडा ने उनके इस सवाल का जवाब क्यों नहीं दिया कि दिसंबर 2023 में उनके नमूने लेने के लिए 'एक्सपायर्ड किट' क्यों भेजी गई थी।
एडीडीपी ने कहा, 'सुनवाई पैनल की राय है कि इस स्तर पर जब एथलीट को आरोप का नोटिस जारी किया जाना बाकी है और नमूना देने से इन्कार करने के लिए एथलीट द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण/औचित्य के गुण-दोष पर विचार किए बिना और नाडा की ओर से पेश वकील की दलील का जवाब दिए बिना, एथलीट का अस्थायी निलंबन तब तक के लिए रद किया जाता है, जब तक कि नाडा एथलीट को डोपिंग निरोधक नियम, 2021 के उल्लंघन के लिए औपचारिक रूप से आरोप लगाने का नोटिस जारी करने का निर्णय नहीं करता।"