PM को बताया दर्द, तो और बढ़ गई इस दिव्यांग खिलाड़ी की मुश्किलें, खेलने से भी रोका
सुवर्णा ने कहा कि उन्होंने दिव्यांगों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर आवाज उठाई, तो उन्हें खेलने नहीं दिया गया।
पंचकूला, राजेश मलकानियां। पांच दिवसीय 18वीं राष्ट्रीय पैरालंपिक एथलेटिक्स चैंपियनशिप एक बार फिर तब विवाद में आ गई, जब सुवर्णा राज को अधिकारियों ने खेलने से रोक दिया। सुवर्णा का जेवलिन थ्रो मुकाबला होना था, लेकिन आयोजकों ने उन्हें खेलने से रोक दिया। सुवर्णा इस पर भड़क गईं और उन्होंने अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई और धमकी दी कि वह किसी को छोड़ने वाली नहीं हैं। सुवर्णा ने देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
आवाज उठाने पर रोका
सुवर्णा ने कहा कि उन्होंने दिव्यांगों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर आवाज उठाई, तो उन्हें खेलने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि मैं मंगलवार को वापस घर लौट रही हूं और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करके अपनी बात रखूंगी।
@Today #PCI officials didn't allow me to play because I'v raised the voice for rights of #Divyang athletes, so I'm going back home & now I want to meet only PM Sh @narendramodi because @Rao_InderjitS & @Ra_THORe not meet to #ParaAthletes@mlkhattar @sardesairajdeep @ANI @PTI_News
ऐसा गंदा माहौल नहीं देखा
दैनिक जागरण से बातचीत में सुवर्णा ने कहा कि आज तक ऐसा गंदा माहौल मैंने कहीं नहीं देखा। जिस प्रकार से पंचकूला में दिव्यांगों के साथ व्यवहार किया गया, उसे पूरी जिंदगी नहीं भुलाया जा सकता। पैरा ओलंपिक एसोसिएशन के अधिकारियों को मैं आसानी से छोड़ने वाली नहीं हूं। इनको सबक सिखा दूंगी कि दिव्यांगों के साथ कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए। मैं मुकाबले के लिए इंतजार करती रही, लेकिन शाम तक नहीं बुलाया, तो मैंने अधिकारियों से पूछा, तो उन्होंने कह दिया कि आपका नाम दिल्ली से नहीं आया है।
अस्पताल में हूं, बाद में बताऊंगा
पीसीआइ हरियाणा के महासचिव गिरीराज ने सुवर्णा के आरोपों को सिरे नकारते हुए कहा कि वह दूसरी एसोसिएशन से प्रभावित हैं और उन्हें खिलाड़ियों से कोई मतलब नहीं है। जब गिरीराज से सुवर्णा को नहीं खेलने देने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मैं अभी अस्पताल में हूं, बाद में कुछ बता सकता हूं।
सुवर्णा ने उठाई थी ये आवाज
सुवर्णा ने पांच दिवसीय 18वीं राष्ट्रीय पैरालंपिक एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2018 में दिव्यांग खिलाड़ियों को हो रही परेशानी को लेकर पीएम को ट्वीट किए थे। सुवर्णा ने पैरालंपिक खिलाड़ियों के दर्द को शब्दों में पिरोकर पीएम तक पहुंचाने की कोशिश की थी। सुवर्णा ने पीएम को बताया था कि रात के 11.25 बज रहे हैं। हम दो दिव्यांग महिला खिलाड़ी ताऊ देवीलाल खेल स्टेडियम के पास खड़ी हैं। कोई भी पीसीआइ (पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया) का सदस्य हमारी मदद के लिए नहीं है। यहां के शौचालय की काफी खस्ता हालत है, जिन्हें दिव्यांग खिलाड़ी प्रयोग नहीं कर सकते। उनको दिव्यांग कहने से कोई भला नहीं होने वाला, क्योंकि जमीन पर बुनियादी सुविधाओं की कमी है।’ यह प्रधानमंत्री के नाम ट्वीट है अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक खिलाड़ी सुवर्णा राज का, जिसने अपने व अन्य पैरालंपिक खिलाड़ियों के दर्द को शब्दों में पिरोकर पीएम तक पहुंचाने की कोशिश की है।
ये खिलाड़ी यहां पांच दिवसीय 18वीं राष्ट्रीय पैरालंपिक एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2018 में भाग लेने पहुंचे हैं, जहां की बदइंतजामी को लेकर उन्होंने कड़ा ऐतराज जताया था।
@narendramodi Sir now is 11:25 PM, we two women with disabilities are standing on the road at Tau Devilal Stadium,Panchkula. There is no anyone from PCI to help us. We can't use the toilets here because toilets are not #accessible, they people doing same & insulting us @Ra_THORe https://t.co/SFVD0ErSq8— Suvarna Raj (@suvarnapraj) 24 मार्च 2018
नागपुर की मूल निवासी और वर्तमान में दिल्ली में रह रही सुवर्णा का कहना है कि केंद्र सरकार ने 2016 में दिव्यांगों के लिए बड़ा कानून पास किया, लेकिन बुनियादी हकीकत कुछ और ही है। हमें जमीन पर रेंगने वाले कीड़े-मकोड़े समझा जाता है। हरियाणा वैसे तो खिलाड़ियों को प्रमोट करने के लिए जाना जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री को किए गए इस ट्वीट ने हरियाणा खेल विभाग की एक अलग तस्वीर सामने ला दी है। दरअसल रविवार को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने पंचकूला में चैंपियनशिप का शुभारंभ किया था। उनके साथ पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआइ) व पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ हरियाणा के प्रधान एवं केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी थे।
इस चैंपियनशिप में देश के विभिन्न हिस्सों से दिव्यांग खिलाड़ी हिस्सा लेने पहुंचे हैं। शनिवार रात को ही इन दिव्यांग खिलाड़ियों को कई परेशानियों से जूझना पड़ा। खिलाड़ियों के लिए न तो खाने-पीने व सोने की उचित व्यवस्था ही की गई, अपितु शौचालय तक का हाल बेहाल था। इससे नाराज होकर सुवर्णा के साथ ही पैरालंपिक खिलाड़ी प्रदीप राज ने भी पीएम को पूरी बदइंतजामी की फोटो ट्वीट कर दी। प्रदीप सुवर्णा के पति हैं।
@narendramodi Sir after a horrible treatment with #ParaAthletes at Para Nationals 2015 in Ghaziabad, still nothing has changed. Despite of Crores of funds with #PCIthe kind of treatment given to #Divyang athletes at Panchkula Nationals 2018 is disgusting@Ra_THORe @ANI @PTI_News pic.twitter.com/D1K4eQ0P2M— Pradeep Raj (@pradeeprajtweet) 24 मार्च 2018
पूरी रात परेशानी में काटी
सुवर्णा ने बताया कि कमरे की हालत बहुत खराब है, जिसके चलते मैंने उस कमरे में रहने से इन्कार कर दिया। रात के साढ़े 12 बजे तक सड़क पर रही। रात के 10 बजे तक शौचालय का उपयोग भी नहीं किया। इसके बाद आनन-फानन में दो अधिकारी आए और मुझे हरियाणा के पंचायत भवन में ठहराकर चले गए। परंतु अन्य दिव्यांग खिलाड़ी उसी बदइंतजामी को झेलते रहे।
दूसरे खिलाड़ी भी बरसे
जसप्रीत ने कहा कि यहां पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बहुत बदइंतजामी है। शौचालय पहली मंजिल पर है, जहां पर व्हील चेयर को नहीं ले जाया जा सकता। मोहाली के दरबारा सिंह ने कहा कि उनके लिए आयोजकों ने व्हील चेयर का इंतजाम नहीं किया, जिसके चलते उनको खाना लेने के लिए लाइन में खड़े रहना पड़ा। खिलाड़ियों के लिए तैयार मेस में उनको खाना देने के लिए कोई वेटर तक मौजूद नहीं था। रफी मोहम्मद के मुताबिक आयोजकों ने आनन-फानन में टूर्नामेंट को आयोजित कर दिया।
सुवर्णा ने ही ट्रेनों में अपर बर्थ का किया था विरोध
देश के लिए थाईलैंड में पैरा टेबल टेनिस में दो पदक जीत चुकी सुवर्णा ने ही सबसे पहले दिव्यांगों को ट्रेनों में अपर बर्थ देने का विरोध जताया था। सुवर्णा जब नागपुर से दिल्ली गरीब रथ में आ रही थी तो उसे ट्रेन में अपर बर्थ अलॉट कर दी गई थी।