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रूस की धमकी, हमारे कच्चे तेल की कीमत घटाई तो रोक देंगे पूरी दुनिया को आपूर्ति

एलिपोव ने कहा दूसरे देशों की तरफ से हमारे कच्चे तेल की कीमत सीमित करने के प्रस्ताव को हम खारिज करते हैं। स्वीकार नहीं कर सकते तो हम पूरी दुनिया को कच्चे तेल की आपूर्ति बंद कर देंगे। इससे कच्चे तेल की कीमतों में भारी वृद्धि हो जाएगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Fri, 23 Sep 2022 10:05 PM (IST)
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यूरोपीय देश रूस से अभी भी बड़ी मात्रा में तेल खरीद रहे हैं
 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया के सात सबसे विकसित देशों के संगठन जी-7 की तरफ से रूस के कच्चे तेल की कीमत को अंतरराष्ट्रीय स्तर से काफी घटाकर एक निश्चित दायरे में करने की कोशिश पर रूस ने धमकी दी है कि अगर ऐसा हुआ तो वह पूरी दुनिया को कच्चे तेल की आपूर्ति बंद कर देगा। रूस की तरफ से यह धमकी भारत में उसके राजदूत डेनिस एलिपोव ने दी है।

भारत में रूस के राजदूत डेनिस एलिपोव ने किया एलान- कहा, अभी भी बहुत सारा रूसी तेल खरीद रहे यूरोपीय देश

शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने यह भी कहा कि यूरोपीय देश रूस से अभी भी बड़ी मात्रा में तेल खरीद रहे हैं, जबकि तेल खरीदने वाले दूसरे देशों पर वे दोहरी नीति अपना रहे हैं। एलिपोव ने भारत को भी सलाह दी कि वह जी-7 देशों की सलाह न माने क्योंकि यह उसके हित में नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि भारत-रूस के बीच ऊर्जा संबंध आने वाले दिनों में और मजबूत होंगे। भारत की धरती से एलिपोव द्वारा इस धमकी को देने का एक बड़ा मकसद यह भी है कि भारत रूस के सबसे बड़े कच्चे तेल के खरीदार देशों में शामिल है। जी-7 देशों की कोशिश है कि रूस की तेल बिक्री को सीमित करने और इसकी कीमत तय करने की उनकी कोशिशों को भारत का भी समर्थन मिले।

कच्चे तेल की कीमत सीमित करने के प्रस्ताव को करते हैं खारिज

एलिपोव ने कहा, 'दूसरे देशों की तरफ से हमारे कच्चे तेल की कीमत सीमित करने के प्रस्ताव को हम खारिज करते हैं। अगर उनकी तरफ से ऐसी कीमत प्रस्तावित की जाती है जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते तो हम पूरी दुनिया को कच्चे तेल की आपूर्ति बंद कर देंगे। इससे कच्चे तेल की कीमतों में भारी वृद्धि हो जाएगी।'

भारत और रूस में ऊर्जा सहयोग को किया जाएगा और मजबूत

एलिपोव ने बताया कि भारत लगातार रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। इस बारे में सौदे दोनों देशों की कंपनियां खरीदार और आपूर्तिकर्ता के हितों को देखते हुए कर रही हैं। आगे भी दोनों देशों में ऊर्जा सहयोग और मजबूत किया जाएगा। इस बारे में पिछले दिनों समरकंद में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच हुई मुलाकात में बात भी हुई थी।

पश्चिमी देश अपना रहे हैं दोहरी नीति

भारत पर पड़ने वाले दबाव के बारे में उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश अभी भी परोक्ष तौर पर भारी मात्रा में रूस से कच्चा तेल और गैस खरीद रहे हैं, लेकिन दूसरे देशों को ऐसा नहीं करने की सलाह दे रहे हैं। यह इनकी दोहरी नीति है। पुतिन से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से दिए गए बयान की पश्चिमी देशों द्वारा तारीफ पर उन्होंने कहा, 'यूक्रेन को लेकर भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। लेकिन पश्चिमी देश प्रधानमंत्री मोदी की उन्हीं बातों को उछाल रहे हैं जो उन्हें पसंद है।'

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