Ashok Chavan Resigns। अशोक चव्हाण के कांग्रेस से त्यागपत्र देने के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि क्या संजय निरुपम भी पार्टी को अलविदा कह सकते हैं। हालांकि कांग्रेस नेता ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है। अशोक चव्हाण के बाहर निकलने पर संजय निरुपम ने कहा कि अशोक चव्हाण एक संपत्ति थे और वह महाराष्ट्र के एक नेता की कार्यशैली से परेशान थे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Congress। महाराष्ट्र में कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। मिलिंद देवरा के बाद पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने अपनी विधानसभा सदस्यता के साथ-साथ कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया है। उनके भाजपा में जाने की संभावना जताई जा रही है।
इसी बीच दिग्गज नेता संजय निरुपम को लेकर अटकलें लगाई जा रही है कि वो भी कांग्रेस का दामन छोड़ सकते हैं। हालांकि, फिलहाल संजय निरुपम ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है। कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, "यह खबर सरासर झूठ और बेबुनियाद है। अफवाहों पर आधारित यह खबर निंदनीय है।"
अशोक चव्हाण के पार्टी छोड़ने पर संजय निरुपम ने क्या कहा?
अशोक चव्हाण के बाहर निकलने पर संजय निरुपम ने कहा कि अशोक चव्हाण एक संपत्ति थे और वह महाराष्ट्र के एक नेता की कार्यशैली से परेशान थे।
संजय निरुपम ने कहा, "कुछ लोग उन्हें देनदार कह रहे हैं, कुछ ईडी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, यह सब जल्दबाजी में की गई प्रतिक्रिया है। वह मूल रूप से महाराष्ट्र के एक नेता की कार्यशैली से बहुत परेशान थे।
उन्होंने आगे कहा, वह मूल रूप से महाराष्ट्र के एक नेता की कार्यशैली से बहुत परेशान थे।
'ये नौबत नहीं आती अगर...'
मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि अगर पार्टी (आलाकमान) ने उनकी शिकायतों पर ध्यान दिया होता तो वह इस्तीफा नहीं देते। उन्होंने (चव्हाण) समय-समय पर शीर्ष नेतृत्व को यह जानकारी दी थी। अगर उनकी शिकायतों को गंभीरता से लिया गया होता, तो यह स्थिति नहीं होती।"
पूर्व मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए निरुपम ने कहा, "अशोक चव्हाण साधन संपन्न, कुशल संगठनकर्ता, जमीन पर गहरी पकड़ रखते हैं और एक गंभीर नेता हैं। पिछले साल जब भारत जोड़ो यात्रा पांच दिनों के लिए नांदेड़ में थी, तो पूरे नेतृत्व ने उनकी क्षमता को प्रत्यक्ष रूप से देखा था।"
मिलिंद ने क्यों छोड़ी कांग्रेस?
बता दें कि मिलिंद देवड़ा ने यूबीटी (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सेना के साथ सीट बंटवारे के कारण पार्टी छोड़ दी। मुस्लिम नेता बाबा सिद्दीकी ने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें केवल स्वाद के लिए 'करी पत्ते' की तरह इस्तेमाल किया। अशोक चव्हाण ने कहा कि वह किसी भी राजनीतिक दल के संपर्क में नहीं हैं।
भाजपा में शामिल हो सकते हैं अशोक चह्वाण
अशोक चह्वाण ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात कर विधानसभा की सदस्यता से अपना त्यागपत्र सौंप दिया। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र भेज दिया। माना जा रहा है कि वह जल्दी ही भाजपा में शामिल होंगे। 15 फरवरी को गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में वह भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
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