'खरगे जी, आप पर कार्रवाई हो सकती है...', कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान को लेकर चुनाव आयोग ने लगाई फटकार
ECI to Mallikarjun Kharge चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लोकसभा चुनाव में बाधा डालने के लिए फटकार लगाई गई है। ईसीआई ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने बीच चुनावों में मतदाता मतदान डेटा जारी करने के संबंध में निराधार आरोप लगाए हैं जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के संचालन में भ्रम पैदा करने के लिए फर्जी बनाए गए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ECI to Mallikarjun Kharge लोकसभा चुनाव के बीच मतदान से जुड़े आंकड़ों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से खड़े किए गए सवालों पर चुनाव आयोग ने शुक्रवार को तीखी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने इसे बेबुनियाद और जानबूझकर भ्रम फैलाने वाला बताया है। साथ ही उन्हें ऐसे बयानों से बचने की नसीहत दी और कहा कि चुनाव को प्रभावित करने वाली ऐसी घटनाओं के खिलाफ कार्रवाई के वह ढृंढ़ संकल्पित है।
आयोग ने इस दौरान खरगे की ओर से मतदान के जुड़े आंकड़ों पर उठाए गए सभी सवालों का बिंदुवार जवाब भी दिया। साथ ही 2019 के लोकसभा और उसके बाद हुए विधानसभा चुनावों में मतदान के दिन के मतदान प्रतिशत और मतदान के तीन दिनों के बाद जारी अंतिम मतदान प्रतिशत के आंकड़े भी जारी किए है। उस समय भी इसमें अंतर था।
ये बयान गलत प्रभाव डाल सकते
आयोग ने कहा है कि मतदान से जुड़े आंकड़ों को जुटाने की एक पारदर्शी व्यवस्था है। जिसमें प्रत्येक मतदान केंद्र से फार्म -17 सी के मिलने और मिलान के बाद अंतिम आंकड़े जारी किए जाते है। खरगे को लिखे पत्र में आयोग ने उनके बयानों को लेकर गहरी नाखुशी जताई और कहा है कि वह वरिष्ठ राजनेता है जिनका राजनीति में करीब 52 वर्ष का लंबा अनुभव है। उन्हें चुनावी प्रक्रिया की पूरी समझ भी है। ऐसे में उनकी ओर से इस तरह के सवाल खड़ा करना यह बताता है कि ये आरोप जानबूझकर लगाए गए है।
कार्रवाई के लिए चेताया
आयोग ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस पार्टी की ओर से ईवीएम को लेकर कुछ इसी तरह के भ्रम फैलाने का मुद्दा भी उनके संज्ञान में लाया। साथ ही कहा कि इससे साफ है कि कांग्रेस जानबूझकर परेशान करने के लिए इस तरह से बयान देती है। आयोग ने खरगे इस बयान की भी निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा था कि ' क्या मतदान आंकड़े में यह बदलाव अंतिम चुनाव परिणाम को प्रभावित करने वाला हो सकता है।'
आरोपों को बताया निराधार
आयोग ने मतदान आंकड़ों पर इंडी गठबंधन के नेताओं को लिखे गए खरगे के पत्र का संज्ञान लिया है और इसे बेहद गैरजरूरी पाया है। आयोग ने खरगे की दलीलों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि ये सब निराधार हैं।
ईसीआई ने जोर देकर कहा कि मतदाता मतदान डेटा के संग्रह और प्रसार में कोई चूक या विचलन नहीं; सभी अतीत और वर्तमान प्रक्रियाओं और प्रथाओं का संचालन; और खड़गे की दलीलों को खारिज करने के लिए बिंदु-दर-बिंदु काउंटर प्रदान किए।
यहां पढ़ें चुनाव आयोग के आदेश
आयोग ने खरगे के आरोपों को लोकसभा चुनाव में बाधा डालने की कोशिश बताया और कहा कि इससे मतदाताओं और चुनाव प्रक्रिया में जुड़ी मशीनरी पर गलत प्रभाव पड़ता है। उनका मनोबल गिरता है। साथ ही इससे अराजक स्थिति भी पैदा हो सकती है। गौरतलब है कि खरगे ने पिछले दिनों इंटरनेट मीडिया पर आइएनडीआइए गठबंधन के नेताओं को एक पत्र लिखकर मतदान से जुड़े आंकड़ों को देरी से जारी करने पर सवाल उठाए थे। साथ ही सहयोगी दलों से इस मुद्दे पर जोरशोर से उठाने की मांग की थी।
कांग्रेस नेताओं के बयान चिंताजनक
आयोग ने मतदान डेटा देने में किसी भी देरी से भी इनकार किया और बताया कि अद्यतन टर्नआउट डेटा हमेशा मतदान के दिन से अधिक रहा है। आयोग ने कहा कि कांग्रेस के पहले और वर्तमान के गैर-जिम्मेदाराना बयानों में हमेशा एक 'पैटर्न' रहा है और ये 'चिंताजनक' है। आयोग ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष एक पक्षपातपूर्ण कहानी को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
बता दें कि 7 मई को मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदान आंकड़ों में कथित विसंगतियों पर इंडी गठबंधन के नेताओं को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि अपने पत्र में खरगे ने इंडी गठबंधन के नेताओं से मतदान डेटा विसंगतियों के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया।