MUDA घोटाले पर कर्नाटक में क्यों गरमाई सियासत? CM Siddaramaiah से इस्तीफे की मांग तो कांग्रेस ने राज्यपाल पर लगाए आरोप 10 Points
Karnataka MUDA scam कर्नाटक में सीएम सिद्दरमैया पर कथित भूमि आवंटन घोटाले के आरोप के राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने निष्पक्ष जांच के लिए सीएम से इस्तीफे की मांग की है। ये सारा बवाल उस समय मचा जब राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भूमि आवंटन घोटाले (MUDA scam) में सिद्दरमैया के खिलाफ कार्रवाई करने को हरी झंडी दे दी है।
जागरण डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया (Siddaramaiah resignation demand) पर घोटाले के आरोप के बाद कर्नाटक की राजनीति में बवाल मचा है। भाजपा ने सीएम से इस्तीफे तक की मांग कर ली है। दरअसल, ये सारा बवाल उस समय मचा जब राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भूमि आवंटन घोटाले (MUDA scam) में सिद्दरमैया के खिलाफ कार्रवाई करने को हरी झंडी दे दी है।
दूसरी ओर सीएम सिद्दरमैया ने राज्यपाल पर केंद्र सरकार के लिए काम करने का आरोप लगाया है। आइए, जानते हैं, आखिर कर्नाटक की राजनीति क्यों गरमाई हुई है...
- राज्यपाल गहलोत की हरी झंडी मिलने के बाद मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) में 'भूमि आवंटन घोटाले' को लेकर सिद्धारमैया के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए जांच एजेंसियों के लिए दरवाजा खुल गया है।
- आरोप लगने के बाद भाजपा ने हमलावर रुख अपनाते हुए सीएम सिद्दरमैया से इस्तीफे की मांग की है।
- कांग्रेस सरकार को अभी कर्नाटक की सत्ता पाए 15 महीने ही हुए हैं और उसके लिए इन आरोपों से बाहर निकलना सबसे बड़ा चैलेंज होने वाला है।
- सिद्दरमैया ने भी संकेत दिए हैं कि वो लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। सिद्दरमैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा से कई सवाल पूछे हैं। सीएम ने कहा कि भाजपा बताए कि मुझे इस्तीफा क्यों देना चाहिए? मैंने क्या अपराध किया है?
- सिद्दरमैया ने कहा कि मेरे अनुसार राज्यपाल को इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि वो केंद्र की मोदी सरकार के हाथों की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं।
- मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले में कथित तौर से सीएम सिद्दरमैया की पत्नी पार्वती को मैसूर के एक पॉश इलाके में मुआवजा देने के लिए जमीन आवंटित की गई थी, जिसकी संपत्ति का मूल्य उनकी जमीन की तुलना में अधिक था जिसे MUDA (What is MUDA scam) द्वारा "अधिग्रहित" किया गया था। भाजपा का आरोप है कि यह घोटाला 4 हजार करोड़ का है।
- वहीं, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी राज्यपाल के कदम को "असंवैधानिक" बताया और दावा किया कि पूरी कांग्रेस पार्टी और राज्य सरकार सिद्धारमैया के साथ खड़ी है।
- बेंगलुरु में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को हटाने की मांग करते हुए एक बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। राज्यपाल के खिलाफ नारे लगाते हुए, उन्होंने उनके पुतले जलाए और "राज्यपाल हटाओ, राज्य बचाओ" के नारे भी लगाए।
- राज्यपाल ने कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए उनका आदेश आवश्यक था, उन्होंने कहा कि वे प्रथम दृष्टया मानते हैं कि आरोप के दस्तावेजों से पता चलता है कि घोटाला हुआ है।
- गहलोत ने मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए उस निर्णय को भी गलत बताया जिसमें उन्हें मुख्यमंत्री को जारी कारण बताओ नोटिस वापस लेने तथा अभियोजन स्वीकृति के आवेदन को खारिज करने की सलाह दी गई है।