Mumbai: अमित शाह के चुनावी वादे पर उद्धव गुट वाली शिवसेना ने जताई आपत्ति, ECI को पत्र लिखकर की शिकायत
Mumbai News पिछले दिनों मध्य प्रदेश के एक चुनावी जनसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों से वादा किया कि अगर भाजपा जीत कर आती है तो वह राज्य के लोगों के लिए अयोध्या की यात्रा की व्यवस्था करेगी। इस वादे पर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आपत्ति जताई है। शिवसेना ने आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा है।
पीटीआई, मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वादा किया था कि अगर मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार सत्ता में बनी रहती है तो वह राज्य के लोगों के लिए अयोध्या की यात्रा की व्यवस्था करेगी, इसके बाद शिवसेना ने भारत के चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या उसने आदर्श आचार संहिता में ढील दी है।
शिवसेना (यूबीटी) द्वारा लिखे गए पत्र में ईसीआई पर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में "दोहरे मानदंड" अपनाने का आरोप लगाया गया।
मुबंई के एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए ठाकरे ने कहा कि 1987 में महाराष्ट्र के विले पार्ले विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ा गया था, जिसके कारण चुनाव आयोग ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के मतदान के अधिकार को रद्द कर दिया था।
आदर्श आचार संहिता में दी गई ढील
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें लगता है कि (इस बार) आदर्श आचार संहिता में ढील दी गई है। अगर ऐसा है तो हमें इसके बारे में पता होना चाहिए। उन्होंने क्रिकेट शब्दावली का उपयोग करते हुए ठाकरे ने आगे कहा, "भाजपा को फ्री हिट देना और हमें हिट विकेट के रूप में खारिज करना स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के हक में नहीं है।"
रामलला के दर्शन कराने का अमित शाह ने किया वादा
केंद्रीय मंत्री शाह ने इस सप्ताह की शुरुआत में एमपी में एक चुनावी सभा में कहा था कि अगर भाजपा मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखती है, तो उनकी सरकार राज्य के लोगों के लिए अयोध्या में राम मंदिर में 'दर्शन' की व्यवस्था करेगी। अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को तय की गई है। उनके सहयोगी और बीजेपी के एक अन्य वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने भी एमपी चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा ही वादा किया था।