Bhajanlal Sharma Inside Story: गोवर्धन परिक्रमा बनी भजनलाल शर्मा की सूत्रधार, ऐसे हुई नैया हुई पार
Bhajanlal Sharma Inside Story भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ ही आरएसएस से निकटता ने पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को प्रदेश की सत्ता के शिखर पर पहुंचा दिया। शर्मा भाजपा और आरएसएस दिग्गज नेताओं व प्रचारकों के प्रिय थे। शर्मा ने कई प्रदेशाध्यक्षों के साथ प्रदेश महामंत्री के रूप में काम किया जिससे शीर्ष नेतृत्व से लेकर संगठन के निचले स्तर तक उनके संबंध मजबूत हो गए।
नरेंद्र शर्मा, जयपुर। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ ही आरएसएस से निकटता ने पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को प्रदेश की सत्ता के शिखर पर पहुंचा दिया। उनकी तरक्की में उनकी संगठनात्मक क्षमता, पार्टी के प्रति निष्ठा व कड़ी मेहनत भी बड़ा कारण बना है। इस कारण ही वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निकट और आरएसएस की पसंद थे।
शर्मा की पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से निकटता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी तय करते समय जब दिल्ली में केंद्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी व पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सहित करीब एक दर्जन वरिष्ठ नेता बैठक कर रहे थे तो प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने जैसे ही शर्मा को सांगानेर सीट से टिकट देने का प्रस्ताव किया तो सभी राष्ट्रीय नेताओं ने कहा कि ये पार्टी के कर्मठ व मेहनती कार्यकर्ता हैं, इनका नाम तय करो। उस समय बैठक में मौजूद रहे एक केंद्रीय मंत्री ने दैनिक जागरण को बताया कि जब शर्मा के नाम को हरी झंडी मिली तो किसी ने विरोध नहीं किया। भाजपा के मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर शर्मा को टिकट देना शीर्ष नेतृत्व से उनकी निकटता दर्शाता है।
ऐसे आए नड्डा व निंबाराम के निकट
भाजपा अध्यक्ष बनने से पहले नड्डा जब गोवर्धन परिक्रमा के लिए भरतपुर आते थे तो शर्मा उनके साथ रहते थे। शर्मा उस समय जिलाध्यक्ष थे। उस समय से ही उनके करीबी बने हुए हैं। संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम जब सह प्रांत प्रचारक थे तो उनका केंद्र भरतपुर था। उस समय से निंबाराम से उनके निकट संबंध हैं।
नए चेहरे की तलाश
शर्मा को संगठन से आगे बढ़ने का अवसर मिला। उनकी प्रतिभा को देखते हुए लाहोटी का टिकट काटकर भजनलाल शर्मा को प्रत्याशी बनाने की प्रारंभिक कसरत निंबाराम के स्तर पर ही हुई थी। जब पार्टी के दिग्गज नेताओं के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के लिए नए चेहरे की तलाश कर रहा था तो निंबाराम ने शर्मा का नाम सबसे आगे आया। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर से भी शर्मा के अच्छे रिश्ते रहे।
संगठन में संबंध मजबूत
शर्मा ने कई प्रदेशाध्यक्षों के साथ प्रदेश महामंत्री के रूप में काम किया, जिससे शीर्ष नेतृत्व से लेकर संगठन के निचले स्तर तक उनके संबंध मजबूत हो गए। शर्मा ने 2003 के चुनाव में भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी कृष्णेंद्र कौर दीपा के सामने सामाजिक न्याय मंच के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। उस समय उनकी जमानत जब्त हो गई थी।