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महिलाओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दे रही पंजाब सरकार, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का हुआ आयोजन

पंजाब सरकार लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने और गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से गर्भवती महिलाओं को विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही है। महिलाओं को टेटनस टीकाकरण एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोलियां दी गईं। इन संस्थानों में प्रसवपूर्व देखभाल सेवाएं आवश्यक परीक्षण और उपचार निःशुल्क प्रदान किए जाते हैं।

By Nitin SinglaEdited By: Preeti GuptaUpdated: Thu, 24 Aug 2023 04:24 PM (IST)
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प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का हुआ आयोजन

बठिंडा, जागरण संवाददाता। पंजाब सरकार लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने और गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से गर्भवती महिलाओं को विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही है। इसके तहत पंजाब के सभी सीएचसी और सिविल अस्पताल हर महीने गर्भवती महिलाओं के लिए मुफ्त जांच, परीक्षण और उपचार के लिए विशेष शिविर आयोजित कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का हुआ आयोजन

सिविल सर्जन डॉ. तेजवंत सिंह ढिल्लों के निर्देशानुसार जिले के सभी सीएचएचसी और सिविल अस्पतालों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया गया। डॉ. तेजवंत सिंह ढिल्लों ने बताया कि सेहत विभाग की हिदायतों के अनुसार पहले यह हर महीने की 9 तारीख को मनाया जाता था। अब गर्भवती महिलाओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए 23 तारीख को एक अतिरिक्त दिन मनाया जाता है।

गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व की गई जांच

इन संस्थानों में प्रसवपूर्व देखभाल सेवाएं, आवश्यक परीक्षण और उपचार निःशुल्क प्रदान किए जाते हैं। जिसमें स्त्री रोग विशेषज्ञ, चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर और एएनसी के सहायक कर्मचारी शामिल हुए। उन्होंने टेटनस टीकाकरण, एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोलियां दी गईं। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सभी गर्भवती महिलाओं को उनके दूसरे और तीसरे तिमाही में विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच सुनिश्चित करना है।

क्या बोलीं डॉ. सुखजिंदर सिंह? 

जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. सुखजिंदर सिंह ने कहा कि इस दिन गर्भवती महिलाओं, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान की जाती है और उनका इलाज किया जाता है और उनके लिए उचित जन्म योजना तैयार की जाती है, क्योंकि उन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को विशेष देखभाल प्रदान करके मातृ मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। इस दौरान प्रसव से पहले, प्रसव के दौरान और बाद में सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी जागरूक किया गया।