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Punjab News: बदले बदले से सरकार नजर आते हैं! राज्यपाल कटारिया और CM मान के संबंधों में झलकने लगी मिठास

पंजाब के नए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान के रिश्तों में मिठास झलकने लगी है। नए राज्यपाल कटारिया और सीएम भगवंत मान साथ- साथ चल रहे हैं। शनिवार को दोनों ने पत्नियों सहित दरबार साहिब दुर्ग्याणा मंदिर व जलियांवाला बाग में शीश नवाया। गवर्नर और सीएम के बीच इस गर्मजोशी भरे रिश्ते से पंजाब के लिए शुभकारी होगा।

By Inderpreet Singh Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 01 Sep 2024 09:40 AM (IST)
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श्री हरिमंदिर साहिब नतमस्तक होने पहुंचे पंजाब के राज्यपाल और सीएम मान। (जागरण फोटो)

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब में राज्यपाल बदलने के साथ ही राजभवन व मुख्यमंत्री के बीच रिश्तों में मिठास दिख रही है। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया व मुख्यमंत्री भगवंत मान शनिवार को जब अपनी-अपनी पत्नियों के साथ अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब, श्री दुर्ग्याणा मंदिर व जलियांवाला बाग गए तो राजनीतिक चित्र बदला-बदला नजर आया।

पिछले राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के साथ कड़वे हो गए संबंधों की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री भगवंत मान कह चुके हैं कि उनके गुलाब चंद कटारिया से अच्छे संबंध हैं और दोनों अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर पंजाब के विकास के लिए काम करेंगे।

बनवारी लाल पुरोहित से बिगड़ थे CM मान के संबंध

बनवारी लाल पुरोहित से संबंध उस समय बदल गए थे जब मुख्यमंत्री की ओर से बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी की नियुक्ति की फाइल भेजी गई दी।

राज्यपाल ने कहा था कि पूरा पैनल भेजा जाए, वीसी किसको लगाना है, चांसलर होने के नाते यह अधिकार उनके पास है। इसके बाद, जब सरकार ने विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की थी तो राज्यपाल फिर अड़ गए थे कि पहले मुझे सत्र बुलाने का एजेंडा भेजा जाए।

सुप्रीम कोर्ट तक गई थी अधिकारों की लड़ाई

मुख्यमंत्री और राज्यपाल के अधिकारों की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई थी। अंतत: सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करके दोनों को उनके अधिकारों के बारे में बताना पड़ा था। मुख्यमंत्री को इस बात पर भी ऐतराज था कि राज्यपाल सीमावर्ती इलाकों के दौरे क्यों करते हैं? पूरा डेढ़ वर्ष का समय दोनों नेताओं में खटास भरा रहा।

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केंद्र और राज्य के बीच सेतु बनेगा यह रिश्ता

राज्यपाल बदलने के साथ ही लंबे समय बाद नए राज्यपाल ने सरकार का हेलीकॉप्टर उपयोग किया है। यह भी अच्छा संकेत है। पिछले राज्यपाल ने सरकार के हेलीकॉप्टर पर जाने से इन्कार कर दिया था। यह मेल-मिलाप चिरस्थायी रहता है या क्षणिक, यह समय बताएगा।

अत्यंत महत्वपूर्ण पदों पर बैठी इन दोनों हस्तियों के आपसी संबंधों में सौहार्द निश्चित रूप से पंजाब के लिए शुभकारी होगा। केंद्र के यहां योजनाओं के फंसे फंड निकलवाने तथा अन्य मुद्दों पर राजभवन राज्य सरकार व केंद्र सरकार के बीच सेतु बनेगा, पंजाब की जनता ऐसी सार्थक आशा कर रही है।

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