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हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को दी राहत, 1158 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती को मिली हरी झंडी; एकल बेंच का आदेश रद्द

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को बड़ी राहत दी है। दरअसल हाईकोर्ट ने एकल बेंच के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसके तहत 2021 में 1158 असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन की भर्ती को रद्द गया था। कोर्ट के इस आदेश के बाद से अब 1158 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती भर्ती में किसी भी तरह का कोई रुकावट नहीं है।

By Dayanand Sharma Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Mon, 23 Sep 2024 04:13 PM (IST)
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हाईकोर्ट ने 1158 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती को दी हरी झंडी। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में पंजाब सरकार को राहत देते हुए एकल बेंच के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसके तहत बेंच ने 2021 में 1158 असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन की भर्ती को रद्द कर दिया था।

हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर एवं जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने पंजाब सरकार और चयनित उम्मीदवारों की अपील को स्वीकार करते हुए यह फैसला सुनाया।

135 उम्मीदवारों को मिली थी पोस्टिंग

इस मामले में एकल बेंच द्वारा भर्ती रद्द करने से पहले सरकार ने 609 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दे दिया था लेकिन केवल 135 उम्मीदवारों को पोस्टिंग मिली है और वेतन मिल रहा है। एकल बेंच के इस आदेश पर अपील में खंडपीठ ने यथास्थिति के आदेश जारी कर दिए थे और 2021 से मामला विचाराधीन था। खंडपीठ के यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के चलते सिर्फ 135 ही काम कर रहे है और 484 उम्मीदवार स्टेशन अलॉट होने इंतजार कर रहे थे।

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पंजाब सरकार ने भी कोर्ट से आग्रह किया कि सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है। इसलिए इन बाकी बचे आवेदकों को स्टेशन अलॉट करने की इजाजत दी जाए। हाईकोर्ट ने सरकार और इन आवेदकों की अपील को स्वीकार करते हुए सिंगल बेंच के फैसले को रद्द कर, इन भर्तियों को हरी झंडी दे दी है।

विज्ञापन के बाद भर्ती की शर्त में नहीं हो सकता परिवर्तन

हाईकोर्ट को बताया गया था कि पंजाब सरकार ने सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए विज्ञापन निकाला था। विज्ञापन के अनुसार अनुबंध शिक्षक के तौर पर प्रतिवर्ष अनुभव के लिए अधिकतम पांच अंक देने का परविधान रखा गया था। इसके बाद पंजाब सरकार ने इसमें परिवर्तन कर नियम बनाया कि पंजाब सरकार द्वारा चलाए जा रहे कॉलेजों में सेवा देने वाले शिक्षकों को ही अनुभव के अंक का लाभ मिलेगा।

याची ने कहा कि एक बार विज्ञापन निकालने के बाद भर्ती की शर्त में परिवर्तन नहीं किया जा सकता। ऐसे में इस परविधान को खारिज किया जाना चाहिए। इस पर हाईकोर्ट की एकल बेंच ने इस भर्ती को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया था। इसके बाद इसे खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी थी। खंडपीठ ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी थी और भर्ती पर यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।

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