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राजस्थान में बिजली संकट बढ़ा, 17 हजार मेगावाट तक पहुंची डिमांड; अधिकारियों ने बताया कारण

Rajasthan Power Crisis राजस्थान में बिजली की डिमांड बढ़ गई है। बिजली की मांग करीब 17 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है। बिजली संकट के चलते ग्रामीण इलाकों में कटौती की जा रही है। राज्य की गहलोत सरकार ने उद्योगों की बिजली काटकर किसानों और आम उपभोक्ताओं को देने का निर्णय लिया है। सरकार ने इसको लेकर जरूरी आदेश भी दिए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Manish NegiUpdated: Wed, 23 Aug 2023 03:34 PM (IST)
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राजस्थान में बिजली संकट बढ़ा, 17 हजार मेगावाट तक पहुंची डिमांड (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में आने वाले दिनों में लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, प्रदेश में बिजली संकट गहराता जा रहा है। राज्य में बिजली की मांग करीब 17 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है। बिजली की कमी और बढ़ती मांग के कारण ग्रामीण इलाकों में अघोषित कटौती की जा रही है। साथ ही सरकार ने उद्योगों की बिजली काटकर किसानों और आम उपभोक्ताओं को देने का निर्णय लिया है।

सिंचाई के लिए रात में मिलेगी बिजली

बताया जा रहा है कि किसानों को फसल की सिंचाई के लिए रात में बिजली की आपूर्ति की जाएगी। विद्युत कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि अगस्त महीने में बारिश के औसत से कम होने के कारण बिजली का संकट बढ़ा है। गर्मी तेज होने से बिजली की मांग बढ़ी है।

सीएम गहलोत के अधिकारियों के निर्देश

सचिव ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव भास्कर ए सावंत ने बताया कि पर्याप्त बिजली नहीं होने के कारण औद्योगिक और नगर पालिका क्षेत्र के साथ जिला मुख्यालयों पर घोषित कटौती की जा रही है। साथ ही ग्रामीण इलाकों में आवश्यकतानुसार एक से डेढ़ घंटे की विद्युत कटौती की जा रही है। सरकार को एक्सचेंज में महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।