राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच राज्य और केंद्र पर HC सख्त, ढीले रवैये पर दिखाया आईना; राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की भी दी सलाह
Heatwave Alert Rajasthan राजस्थान में हीट वेव (लू )से हो रही मौतों पर उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) ने स्वप्रसंज्ञान लिया है। उच्च न्यायालय ने केंद्र व राज्य सरकार को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश अनूप ढंढ ने गुरूवार को केंद्र व राज्य सरकार को हीटवेव को लेकर विशेष सलाह एडवाइजरी जारी करने के लिए भी कहा है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में हीट वेव (लू )से हो रही मौतों पर उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) ने स्वप्रसंज्ञान लिया है। उच्च न्यायालय ने केंद्र व राज्य सरकार को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश अनूप ढंढ ने गुरूवार को केंद्र व राज्य सरकार को हीटवेव को लेकर विशेष सलाह एडवाइजरी जारी करने के लिए भी कहा है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार सार्वजनिक स्थानों सहित सड़क पर पानी और छाया की व्यवस्था करे साथ ही दोपहर 12 से तीन बजे तक मजदूरी करने वाले लोगों को रोका जाए। अस्पतालों में लोगों के इलाज की समुचित व्यवस्था की जाए। उच्च न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा, देशभर में भीषण गर्मी और हीटवेव से सैंकड़ों मौत हो चुकी है, लेकिन सरकारें इस ओर ध्यान नहीं दे रही हैं।
हीट वेव-शीतलहर को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए
न्यायाधीश ने कहा, अब समय आ गया है जब हीट वेव और शीतलहर को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर के इनसे निपटने के लिए अग्रिम तैयारी की जाए। न्यायालय ने राज्य सरकार को हीटवेव से होने वाली मौतों के मामले में उचित मुआवजा देने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही न्यायालय ने लोगों को राहत देने क लिए सरकार को कई दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
हीटवेव पर एक्शन प्लान बनाने के निर्देश
न्यायालय ने कहा, 18 दिसंबर, 2015 में केंद्र सरकार ने राज्यसभा में मृत्यु निवारण और शीतलहर विधेयक, 2015 पेश किया था, लेकिन यह विधेयक अब तक कानून का रूप नहीं ले सका है। केंद्र सरकार आठ-नौ साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी इस विधेयक को सदन में पारित नहीं करवा पाई है। यह विधेयक आज भी ठंडे बस्ते में है।
हीटवेव एक्शन प्लान को प्रभावी रूप से लागू किया जाए- कोर्ट
न्यायाधीश ढंड ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि हीटवेव एक्शन प्लान को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। उन सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाए जहां लोगों की ज्यादा आवाजाही रहती है। सड़कों और राजमार्गों पर छाया के लिए स्थान चिन्हित किया जाए। वहां पीने के पानी,ओआरएस के घोल और आम पना जैसे शीतल पेय पदार्थों का प्रबंध हो। न्यायाधीश ने कहा,अधिक गर्मी की स्थिति में लोगों को सचेत करने के लिए बल्क मैसेज,प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से अलर्ट जारी किए जाएं।
अब तक 61 लोगों की मौत
भीषण गर्मी से प्रदेश में सात दिन में 61 लोगों की मौत हुई है। इनमें तीन की मौत गुरूवार को हुई है। प्रदेश में गुरूवार को नौतपा का सातवां दिन है। शुक्रवार से प्रदेश के 11 जिलों में तेज आंधी चलने और कहीं-कहीं बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार एक जून से प्रदेश में गर्मी का दौर कम होगा।