Aarti Vidhi: इस विधि से करें इष्ट देवता की आरती, पूजा का पूर्ण फल होगा प्राप्त
सनातन धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा करने के बाद आरती करने का विधान है। बिना आरती किए पूजा सफल नहीं मानी जाती है। मान्यता है कि पूजा के बाद आरती न करने से साधक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। माना जाता है कि आरती विधिपूर्वक नहीं करने से भगवान रुष्ट हो जाते हैं और इंसान को जीवन में परेशानियों को सामना करना पड़ता है।
धर्म डेस्क,नई दिल्ली। Aarti Vidhi: सनातन धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा करने के बाद आरती करने का विधान है। बिना आरती किए पूजा सफल नहीं मानी जाती है। मान्यता है कि पूजा के बाद आरती न करने से साधक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। माना जाता है कि आरती विधिपूर्वक नहीं करने से भगवान रुष्ट हो जाते हैं और इंसान को जीवन में परेशानियों को सामना करना पड़ता है। तो चलिए बताते हैं आरती करनी की विधि के बारे में-
आरती करने की विधि आप आरती के दौरान श्रद्धा अनुसार दीपक का चयन कर सकते हैं। आप एक बाती वाला या फिर पांच या फिर सात बाती वाला दीपक ले सकते हैं। इसके बाद भगवान के अनुसार तेल या घी का दीपक जलाएं। पूजा के दौरान इष्ट देवता के चरणों की तरफ चार बार, नाभि की ओर दो बार और अंत में उनके मुख की ओर एक बार घुमाकर आरती की प्रक्रिया पूरा करें। आरती में घंटी और शंख बजाने का अहम महत्व है। मान्यता है कि इसकी ध्वनि से चारों ओर का वातावरण स्वच्छ होता है।
यह भी पढ़ें: Kuber ke Upay: कुबेर मंत्र के जाप से हर बाधा होगी दूर, बस रखना होगा इन नियमों का ध्यान
भगवान की आरती सदैव खड़े होकर ही करनी चाहिए। अगर आप खड़े होने की परिस्थिति में नहीं है, तो आप बैठकर आरती कर सकते हैं। मान्यता के मुताबिक, अगर साधक शारीरिक रूप से खड़ा होने की स्थिति में नहीं है, तो ईश्वर से माफी मांगते हुए बैठकर आरती कर सकता है। धार्मिक मत है कि सच्चे मन से आरती करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।
आरती करने के लाभ मान्यता है कि रोजाना आरती करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है। आरती करने से साधक के सभी संकट खत्म हो जाते हैं और पूजा पूर्ण फल प्राप्त होता है।आरती सामग्री आरती करने के लिए बेल, दीप, धूप, फूल और प्रसाद को सजाकर रखें।यह भी पढ़ें: Vastu Tips: आम के पत्तों से करें ये उपाय, कर्ज की समस्या से मिलेगा छुटकारा
Author- Kaushik Sharmaडिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'