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Puja Path Tips: पूजा-पाठ के बाद फूलों से कर सकते हैं ये काम, बनी रहेगी आराध्य देव की कृपा

अकसर मंदिर में पूजा-पाठ के दौरान भोग और अन्य चीजों के साथ-साथ फूलों की माला या विभिन्न प्रकार के फूल आदि भी चढ़ाए जाते हैं। ऐसे में पूजा में चढ़ाने के बाद जब वह फूल सूख जाते हैं तो उन्हें फेंकने के स्थान पर उनसे यह कार्य करना चाहिए। इससे आपको जीवन में से परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Published: Fri, 10 May 2024 05:12 PM (IST)Updated: Fri, 10 May 2024 05:12 PM (IST)
Puja Path Tips पूजा-पाठ के बाद फूलों का क्या करें?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Puja Path Niyam: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को ईश्वर की आराधना का एक माध्यम माना जाता है। इस दौरान तरह-तरह के नैवेद्य भी अर्पित किए जाते हैं। लोग पूजा के दौरान अपने आराध्य देव को फूल आदि भी अर्पित करते हैं। ऐसे में यदि आप मंदिर से फूल आदि घर लेकर आते हैं, तो उनसे ये काम जरूर करना चाहिए। इससे आपको आराध्य देव की कृपा प्राप्त हो सकती है।

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होगा धन लाभ

ऐसा माना जाता है कि यदि आप मंदिर से लाए हुए फूलों को अपने घर की तिजोरी में रखते हैं, तो इससे धन में वृद्धि होने लगती है। लेकिन इसके लिए एक विशेष विधि का उपयोग किया करना पड़ता है।

क्या है विधि

मंदिर से लाए हुए फूलों को पहले अच्छी तरह सुखा लें। अब किसी कागज या पीले कपड़े में लपेटकर इन फूलों को तिजोरी या धन के स्थान पर रख दें। इससे आपको अपनी आर्थिक स्थिति में लाभ देखने को मिल सकता है।

न करें ये गलती

मंदिर से मिले फूलों को कभी भी इधर-उधर फेंकना नहीं चाहिए। इसके स्थान पर आप उन्हें किसी पवित्र नदी या जल स्रोत आदि में विसर्जित कर दें। अन्यथा यह ईश्वर का अपमान समझा जाता है, जिससे आपको नकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं। आप चाहें, तो इन फूलों को अपने बगीचे की मिट्टी या फिर गमले आदि में भी डाल सकते हैं। इससे वह कुछ दिनों में ही खाद बन जाएंगे और व्यर्थ नहीं होंगे।

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बनी रहेगी सकारात्मकता

यदि आप मंदिर से लाए गए फूलों को अपने हाथों से किसी पवित्र जल स्रोत में प्रवाहित करते हैं, तो उसे पुष्पांजलि के रूप में जाना जाता है। पुष्पांजलि को हिंदू धर्म में एक बहुत ही शुभ कार्य माना गया है। इससे शरीर में सकारात्मकता का प्रभाव बढ़ता है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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