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Sawan Somvar 2023: श्रावन सोमवार पर पुनर्वसु नक्षत्र में की जाएगी महादेव की उपासना, जानिए मुहूर्त और विधि

Sawan Somvar 2023 श्रावण मास में सोमवार व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण सोमवार के दिन भगवान शिव की विधिवत उपासना करने से साधक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। बता दें कि सावन का दूसरा सोमवार व्रत 17 जुलाई के दिन रखा जाएगा। इस दिन 4 अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है जिसमें पूजा-पाठ करने से साधक को विशेष लाभ मिलेगा।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Sun, 16 Jul 2023 02:54 PM (IST)
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Sawan Somvar 2023 सावन सोमवार के दिन इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा-पाठ।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Sawan Somvar 2023 Shubh Muhurat and Puja Vidhi: हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है। सावन महीने में प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव की विधिवत उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रावण सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना करने से साधक को सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य एवं धन-धान्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि श्रावण मास भगवान शिव का अत्यंत प्रिय महीना है। इसलिए इस महीने में भोलेनाथ की उपासना करने से साधक को कई प्रकार के रोग एवं दोष से भी मुक्ति प्राप्त होती है।

बता दें कि सावन 2023 का दूसरा सोमवार व्रत 17 जुलाई 2023 के दिन रखा जाएगा। ज्योतिष पंचांग के अनुसार, इस विशेष दिन पर चार अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। मान्यता है कि इन शुभ योग में पूजा-पाठ करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। आइए जानते हैं, श्रावण सोमवार शुभ मुहूर्त, योग और पूजा विधि।

द्वितीया श्रावण सोमवार 2023 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, 17 जुलाई 2023 के दिन चार अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं। बता दें कि सावन द्वितीय सोमवार के दिन अमावस्या तिथि पड़ रही है, जिस वजह से इस दिन सोमवती अमावस्या व्रत भी रखा जाएगा। साथ ही इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र का निर्माण हो रहा है और हर्षण व सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं। बता दें कि पुनर्वसु नक्षत्र 18 जुलाई सुबह 5:11 तक रहेगा। हर्षण योग सुबह 8:59 से शुरू हो जाएगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग 18 जुलाई सुबह 05:11 से सुबह 05:35 तक रहेगा।

श्रावण सोमवार 2023 पूजा विधि

सावन के द्वितीय सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और भगवान शिव का जलाभिषेक करें। इस दौरान उन्हें अक्षत, गंध, पुष्प, धूप, दीप, दूध, पंचामृत, बेलपत्र, भांग, धतूरा इत्यादि जरूर अर्पित करें। इसके साथ पंचामृत से अभिषेक करते समय 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का निरंतर जाप करें। इस विशेष दिन पर शिव चालीसा का पाठ करें और पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती जरूर करें। ऐसा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

श्रावण सोमवार व्रत महत्व

सावन मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार व्रत को बहुत ही फलदाई माना जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति विधि-विधान से पूरे सावन व्रत नहीं रख पाता है, उन्हें सोमवारी व्रत अवश्य रखना चाहिए। ऐसा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही सावन सोमवार व्रत रखने से भगवान शिव अपने भक्त से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।