Shiv Puja ke Niyam: सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा में न करें इन चीजों का प्रयोग, जान लें पूजा के नियम
Shiv Puja ke Niyam सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। शास्त्रों में बताया गया है कि जो व्यक्ति सोमवार के दिन विधिवत शिव जी की उपासना करता है उसे बहुत लाभ मिलता है।
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क । Shiv Puja ke Niyam, Somwar Upay: सनातन धर्म में देवाधिदेव महादेव की उपासना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। बता दें कि महादेव की उपासना के लिए सोमवार का दिन बहुत ही उत्तम होता है। जो व्यक्ति सोमवार के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करता है। शिवलिंग पर जल दूध व बेल पत्र इत्यादि अर्पित करता है, उससे भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही वह अपने भक्तों को धन, ऐश्वर्य और बुद्धि का वरदान देते हैं।
शास्त्रों में बताया गया है कि सोमवार के दिन भक्तों को भगवान शिव की पूजा के समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि छोटी सी गलती भी खतरनाक परिणाम का रूप ले सकते है। आइए जानते हैं कि भगवान शिव की पूजा के दौरान किन-किन चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
भगवान शिव की पूजा में न करें इन चीजों का इस्तेमाल
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शास्त्रों में बताया गया है कि महादेव को कनेर और कमल के फूल ही अर्पित करना चाहिए। इनके अलावा अन्य फूल का प्रयोग ना करें। साथ ही लाल रंग के फूल, केतकी और केवड़े का फूल भी अर्पित नहीं करना चाहिए। इन फूलों का उपयोग करके व्यक्ति को पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है।
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भगवान शिव की पूजा में कुमकुम और रोली का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि शिवलिंग पर जल अर्पित करने के बाद रोली ना चढ़ाएं। ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं।
हिंदू धर्म में हल्दी को बहुत ही पवित्र माना जाता है। लेकिन महादेव की पूजा के दौरान हल्दी का उपयोग बिल्कुल ना करें। ऐसा इसलिए क्योंकि हल्दी को सौंदर्य के साधन के रूप में जाना जाता है, जबकि महादेव अघोरी के रूप में पुरुषत्व का प्रतीक हैं। इसलिए उन्हें हल्दी बिल्कुल ना चढ़ाएं।
इस बात का भी ध्यान रखें कि शिव जी की पूजा के दौरन शंख का इस्तमाल ना हो। प्राचीन किवदंतियों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि भगवान शिव ने शंखचूर नाम के दिन का वध किया था। इसी कारण से शिव जी की पूजा में इसका इस्तमाल वर्जीत है।
शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि भगवान शिव को तुलसी पत्र चढ़ाना वर्जित है। इसके पीछे कारण यह बताया जाता है की असुरों के राजा जलंधर का वध भगवान शिव ने किया था। जिसकी पत्नी वृंदा ने तुलसी के पौधे का रूप ले लिया था। इसलिए भगवान शिव की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल ना हो इस बात को स्वयं वृंदा ने कहा था।
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