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Aaj Ka Panchang 18 September 2024: पितृ पक्ष के पहले दिन शिववास योग का हो रहा है निर्माण, पढ़ें दैनिक पंचांग

गरुड़ पुराण में वर्णित है कि (Aaj Ka Panchang 18 September 2024) पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आसान शब्दों में कहें तो प्रेतयोनि से मुक्ति मिल जाती है। वहीं व्यक्ति विशेष पर पितरों की कृपा-दृष्टि बरसती है। इस महीने शुक्ल पक्ष में शारदीय नवरात्र भी मनाया जाता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 18 Sep 2024 06:00 AM (IST)
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Aaj Ka Panchang 18 September 2024: पढ़ें दैनिक पंचांग

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 18 September 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज 18 सितंबर से आश्विन माह की शुरुआत हो रही है। अश्विन माह का कृष्ण पक्ष पितरों को समर्पित होता है। इस पक्ष में पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है। अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर पितरों का तर्पण किया जा रहा है। आज यानी पितृ पक्ष के पहले दिन दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में पितरों का तर्पण किया जाएगा। इसके साथ ही कई अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

आज का पंचांग (Panchang 18 September 2024)

शुभ मुहूर्त

अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि आज सुबह 08 बजकर 05 मिनट से शुरू होगी। इस तिथि का समापन 19 सितंबर को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर होगा। साधक चंद्र ग्रहण के बाद स्नान-ध्यान कर पितरों का तर्पण कर सकते हैं।

शिववास योग

अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर सुबह 08 बजकर 05 मिनट से शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन 19 सितंबर को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर होगा। इस दौरान देवों के देव महादेव कैलाश पर मां गौरी के साथ विराजमान रहेंगे। शिववास योग के दौरान पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होगी।

करण

पितृ पक्ष के पहले दिन बव, बालव और कौलव करण के योग बन रहे हैं। इन योग में पितरों का तर्पण कर सकते हैं। इसके साथ ही पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र संयोग बन रहा है। इन शुभ योग में पितरों का तर्पण करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 22 मिनट पर

चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 37 मिनट पर

चंद्रास्त- नहीं...

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से 03 बजकर 06 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 46 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल - सुबह 07 बजकर 39 मिनट से 09 बजकर 11 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 01 बजकर 48 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक

दिशा शूल - उत्तर

ताराबल

भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल

वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।