Shani Dosh Upay: बढ़ गई है आर्थिक तंगी, रिश्तों में आ रही है खटास? कहीं शनिदेव तो नहीं हैं आपसे नाराज
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मफलदाता कहा जाता है। क्योंकि वह जातक को उसके कर्म के अनुसार फल देते हैं। वहीं शनिदेव की आराधना के लिए शनिवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। कुंडली में शनि दोष होने पर जीवन की परेशानियां बढ़ सकती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आप किस तरह अपना बचाव कर सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ऐसा माना जाता है कि जिस जातक की कुंडली में शनि दोष होता है, उसे जीवन में कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ सकती है। ऐसे में चलिए जानते हैं शनिदेव के नाराज होने पर व्यक्ति को क्या संकेत मिलते हैं और किस तरह आप शनि दोष के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
मिलने लगते हैं ये संकेत
शनिदेव के नाराज होने पर व्यक्ति को जीवन में परिश्रम के अनुसार, उसका फल नहीं मिलता और करियर में भी अड़चन आने लगती है। इसके साथ ही व्यक्ति के रिश्तेदार और मित्रों से रिश्ते खराब होने लगते हैं और विवाद की स्थिति बनने लगती है। इतना ही नहीं, शनिदेव के नाराज होने पर व्यक्ति को कोर्ट-कचहरी के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं।
साथ ही अचानक से व्यक्ति की पद-प्रतिष्ठा में कमी आने लगती है। ऐसी स्थिति में आप किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह ले सकते हैं और अपनी कुंडली का परीक्षण करवा सकते हैं। यदि आपकी कुंडली में शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़े साती या ढैय्या की स्थिति बन रही है, तो इससे संबंधित उपाय करने चाहिए।
यह भी पढ़ें - Hanuman Bahuk: हनुमान भक्त भी नहीं जानते होंगे ये शक्तिशाली पाठ, तमाम बाधाएं कर सकता है दूर
शनि दोष होने पर करें ये काम (Shani Dosh Upay)
शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शनिवार के दिन विशेष रूप से पूजा-पाठ करनी चाहिए। इसी के साथ पीपल वृक्ष पर जल अर्पित कर, सात बार वृक्ष की परिक्रमा करें। साथ ही जातक को शनिदेव की स्तुति व चालीसा का पाठ करना चाहिए और मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा कर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। उन कार्यों से दूरी बनानी चाहिए, जिससे शनिदेव नाराज हो सकते हैं। इसी के साथ वस्त्र, तिल, उड़द, गुड़, सरसों का तेल आदि दान करने से भी ग्रह दोष शांत हो सकता है।
यह भी पढ़ें - Shani Dev Pujan: शनिवार के दिन इस नियम से करें भगवान शनि की पूजा, आय के खुलेंगे नए मार्गअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।