Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Surya Dev Pujan: रविवार के दिन ऐसे करें भगवान सूर्य की आरती, नौकरी में मिलेगा मनचाहा प्रमोशन

रविवार का दिन भगवान सूर्य की पूजा के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन का व्रत रखते हैं और भक्ति भाव के साथ पूजन नियम का पालन करते हैं उन्हें सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही इस दिन उनके वैदिक मंत्रों का जाप भी बेहद शुभ माना जाता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 14 Jul 2024 07:00 AM (IST)
Hero Image
Surya Dev Pujan: सूर्य देव की पूजा -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सूर्य देव की पूजा हिंदू धर्म में बड़ी ही पुण्यदायी मानी जाती है। रविवार के दिन सूर्य नारायण की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक रविवार के दिन कठिन उपवास का पालन करते हैं, इसके साथ ही भक्ति भाव के साथ उनकी पूजा करते हैं उन्हें भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।

इसके अलावा अगर आप मनचाही नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको सूर्य देव (Surya Dev Pujan) को अर्घ्य देना चाहिए। इसके बाद उनकी आरती करनी चाहिए, जो इस प्रकार है -

।। भगवान सूर्य की आरती ।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।

धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।

अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।

फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।

गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।

स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।

प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।

वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।

ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।

धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

यह भी पढ़ें: Kanwar Yatra 2024: आखिर कौन था सबसे पहला कांवड़िया? यहां पढ़ें इससे जुड़ी कथा

अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।