Vivah Panchami 2023: विवाह पंचमी के दिन क्या करें और क्या न करें? यहां जानें
विवाह पंचमी भगवान श्रीराम और मां सीता जी के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाई जाती है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार विवाह पंचमी 17 दिसंबर को है। इस दिन भगवान श्रीराम विवाह का आयोजन करने से व्यक्ति को जीवन में सफलता हासिल होती है और वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 15 Dec 2023 02:46 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vivah Panchami 2023: सनातन धर्म में विवाह पंचमी का खास महत्व है। विवाह पंचमी भगवान श्रीराम और मां सीता जी के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाई जाती है। इसलिए प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार विवाह पंचमी 17 दिसंबर को है। मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम विवाह का आयोजन करने से व्यक्ति को जीवन में सफलता हासिल होती है और वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
शास्त्रों में विवाह पंचमी के दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही है। जिनको करने से व्यक्ति को अशुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए, आपको बताते हैं कि विवाह पंचमी के दिन क्या करें और न करें।
विवाह पंचमी के दिन क्या करें
- विवाह पंचमी के अवसर पर भगवान श्रीराम और मां सीता का विवाह का आयोजन करना अधिक फलदायी होता है।
- इस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद भगवान श्रीराम और मां सीता की मूर्ति स्थापित कर पूजा करें।
- विवाह पंचमी के दिन कुंवारी कन्याओं को 108 बार जानकी मंत्र का जाप करना चाहिए।
- इस दिन उपवास अवश्य रखें।
- इसके अलावा भजन-कीर्तन करना चाहिए।
- गरीब लोगों को भोजन कराएं और श्रद्धा अनुसार दान दें।
विवाह पंचमी के दिन क्या न करें
- विवाह पंचमी के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इसके अलावा मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए।
- किसी का अपमान नहीं करना चाहिए और जीवनसाथी से लड़ाई- झगड़ा भी नहीं करना चाहिए।
- अभद्र भाषा का प्रयोग न करें।
विवाह पंचमी के दिन पूजा करने से मिलेंगे ये लाभ
विवाह पंचमी के दिन बालकाण्ड विवाह कथा सुनने या पढ़ने से भगवान श्रीराम और माता सीता की कृपा सदैव बनी रहती है और वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है। पूजा के दौरान मां सीता को सुहाग की चीजें जैसे चूड़ी, सिंदूर, काजल, बिछिया, बिंदी, मेहंदी और पायल अर्पित करें। धार्मिक मत है कि इस काम को करने से वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी नहीं आती है।यह भी पढ़ें: Guru Pushya Yog 2023: इस दिन पड़ रहा है साल का अंतिम गुरु पुष्य योग, जानें इसका महत्व और तिथि
Author- Kaushik Sharmaडिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'