एंड्रॉयड के नकली एप्लीकेशन से स्मार्टफोन को खतरा
कंप्यूटर और इंटरनेट सुरक्षा एजेंसियों ने एंड्रॉयड के एक ऐसे नकली एप्लीकेशन की शिनाख्त की है, जिससे स्मार्टफोन की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। ि
नई दिल्ली। कंप्यूटर और इंटरनेट सुरक्षा एजेंसियों ने एंड्रॉयड के एक ऐसे नकली एप्लीकेशन की शिनाख्त की है, जिससे स्मार्टफोन की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एप्लीकेशन अवैध तरीके से स्मार्टफोन में उसकी सुरक्षा और गोपनीयता को तार-तार कर सकता है। स्मार्टफोन को बर्बाद करने के लिए उपरोक्त एप्लीकेशन अज्ञात स्रोतों को एसएमएस भेजता है।
देश की सर्वोच्च ऑनलाइन सुरक्षा एजेंसी कंप्यूटर रेस्पांस टीम ऑफ इंडिया ने इस मॉलवेयर एप्लीकेशन की शिनाख्त 'सुपरक्लीन या ड्रोयाडक्लीनर' के रूप में की है। एजेंसी के विशेषज्ञों का कहना है, 'बाजार में मौजूद एंड्रॉयड का एक नकली एप्लीकेशन स्मार्ट फोन से जुड़े कंप्यूटरों को संक्रमित कर सकता है।' उन्होंने एंड्रॉयड तकनीक का इस्तेमाल कर स्मार्ट फोन के उपभोक्ताओं को चेताया है कि वे सुपर क्लीन या ड्रोयाडक्लीनर नाम से बाजार में बिक रहे एंड्रॉयड एप्लीकेशन (सॉफ्टवेयर) से सावधान रहें क्योंकि यह नकली सॉफ्टवेयर यूएसबी से जुड़े पर्सनल कंप्यूटरों को संक्रमित करने में सक्षम है। सीईआरटी-इन के अनुसार स्मार्टफोन में प्रवेश करने के बाद यह एप्लीकेशन उसमें मौजूद फाइलों को नष्ट कर देगा तथा निजी जानकारियों तक अपनी पहुंच बना लेगा। इसमें स्मार्ट फोन वाई-फाई स्टेट को प्रभावित करने के साथ एसएमएस और संपर्क सूत्रों की जासूसी करने तक की क्षमता है। एजेंसी ने स्मार्टफोन उपभोक्ताओं को चेताया है कि अगर उनके फोन से अज्ञात लोगों को कॉल या एसएमएस भेजे जाने की घटना शुरू हो जाए तो वे सावधान हो जाएं और समझ जाएं कि उनके फोन में एंड्रॉयड का नकली एप्लीकेशन प्रवेश कर गया है।
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