मुझे अफसोस है... कोविड से जुड़े पोस्ट हटाने के लिए फेसबुक पर दबाव बनाया गया- मार्क जुकरबर्ग
हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के लिए लिखे पत्र में जुकरबर्ग ने लिखा कि बाइडन प्रशासन की ओर से कोविड से संबंधित पोस्ट को सेंसर करने या हटाने के लिए उन पर दबाव बनाया गया। हमारे काम करने के तरीकों को प्रभावित करने का प्रयास किया गया। मुझे अफसोस है कि उस समय मैं ये बात नहीं कह पाया। जुकरबर्ग के खुलासे ने चुनाव से पहले हडकंप मचा दिया है।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए इसी साल नवंबर में चुनाव होने हैं। इस बीच मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के एक खुलासे ने हड़कंप मचा दिया है। हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी को लिखे एक पत्र में जुकरबर्ग ने बाइडेन और कमला हैरिस को लेकर कई हैरान करने वाली बात कहीं हैं। इन्होंने कहा कि उनकी टीम पर फेसबुक से कोरोना से जुड़े पोस्ट हटाने का दबाव बनाया गया था।
जुकरबर्ग के बड़े खुलासे
हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के लिए लिखे पत्र में जुकरबर्ग ने लिखा बाइडन प्रशासन की ओर से कोविड से संबंधित पोस्ट को सेंसर करने या हटाने के लिए उन पर दबाव बनाया गया था। हमारी अलग-अलग टीमों के काम करने के तरीके में दखल देने की कोशिश की गई। जुकरबर्ग ने कहा इन चीजों को समय बीत चुका है। मुझे अफसोस है कि ये बातें मैंने पहले नहीं कहीं।
हमारे प्लेटफॉर्म सभी के लिए
जुकरबर्ग ने पैनल को संबोधित एक पत्र में लिखा इस समय इस बात पर बहुत चर्चा हो रही है कि अमेरिकी सरकार मेटा जैसी कंपनियों के साथ कैसे बातचीत करती है, और मैं अपनी स्थिति के बारे में स्पष्ट होना चाहता हूं। हमारे प्लेटफॉर्म किसी एक के लिए नहीं है बल्कि सभी के लिए हैं। मेरे लिए प्लेटफॉर्म पर जितनी प्राइवेसी और सिक्योरिटी है उतना ही हम सुनिश्चित करते हैं कि एक आम यूजर की भी हो। हम फ्रीडम ऑफ स्पीड को बढ़ावा देने और लोगों को सिक्योर तरीके से हमारे साथ जुड़ने के लिए काम करते हैं।