Agra News: BCA स्टूडेंट चला रहा था साइबर ठगी का गैंग; क्रिप्टो करेंसी में मुनाफे का लालच देकर देश-विदेश में करोड़ों की ठगी
इंस्टाग्राम-टेलीग्राम चैनल पर वीडियाे डाल देते थे 80 प्रतिशत तक लाभ का लालच। अमन ने पुलिस को बताया कि उसने खुद का गिरोह बना लिया। सम्राट और यशवीर उसके एजेंट हैं। दोनों को 50 प्रतिशत हिस्सेदारी देता था अमन ने गिरोह के साथ मिलकर एक टेलीग्राम चैनल और 55 इंस्टाग्राम अकाउंट बना रखे थे। इस पर वीडियो डालकर वह लोगों को अपने जाल में फंसाते थे।
जागरण संवाददाता, आगरा। किप्टो करेंसी में निवेश के दोगुना मुनाफे का लालच देकर देश-विदेश के लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को मंगलवार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। साइबर ठगी गिरोह का सरगना बीसीएस पास जबकि दो सदस्य इंजीनियर और स्नातक हैं।
गिराेह के सदस्य इंस्टाग्राम और टेलीग्राम चैनल पर प्रमोशन वीडियाे डालकर क्रिप्टो करेंसी में 80 प्रतिशत तक मुनाफा कमाने का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। पुलिस का दावा है कि गिरोह अब तक 10 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है।
साइबर सेल कर रही थी जांच
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया, पुलिस और साइबर सेल ने बाइनेंस, मेटा ट्रेडर्स 4 ट्रेडिंग फोरेक्स और मेटा ट्रेडर्स 5 ट्रेडिंग फोरेक्स के माध्यम से गिरोह द्वारा ट्रेडिंग करा देश-विदेश में सैकड़ों लोगों से ठगी की जानकारी मिली थी।
गिरोह द्वारा फर्जी कंपनी के नाम से इंस्टाग्राम और टेलीग्राम चैनल बना लोगों को क्रिप्टो करेंसी में निवेश लालच दिया जा रहा था। सिकंदरा थाने में मुकदमा दर्ज कर पुलिस और साइबर सेल ने जांच की तो ठगी का खेल सामने आया।
बीसीए है सरगना अमन
पुलिस ने मंगलवार शास्त्रीपुरम के रहने वाले अमन राघच, आवास विकास कालोनी निवासी यशवीर और लखनऊ के थाना इंद्रानगर स्थित मऊ रोड जरार निवासी सम्राट को गिरफ्तार कर लिया। सरगना अमन राघव बीसीए और यशवीर स्नातक है। सम्राट ने लखनऊ के कालेज से इंजीनयरिंग की है।
ये भी पढ़ेंः Kanpur Breaking News: कार शोरूम के वर्कशॉप में लगी भीषण आग, काबू पाने के लिए एक घंटे तक करनी पड़ी मशक्कत
अमन ने बताया, हम तीनों ने एक ही कान्वेंट कालेज से बारहवीं पास की है। उनका मित्र उत्कर्ष साइबर ठगी गिरोह चलाता था। उत्कर्ष ने 40 लोगों को प्रशिक्षण दिया था। कई लोगों से ठगी करने के बाद वह फरार हो गया।
अमन ने बताया कि उसने डीमर्स कार्ट नाम से कंपनी का जीएसटी पंजीकरण करा रखा था। कंपनी का करंट खाता नहीं खोला था। ऐसा करने पर उन्हें 30 प्रतिशत आयकर सरकार को देना पड़ता।
क्रिप्टो करेंसी को एक्सचेंजर से बदलते थे
अमन ने बताया कि सम्राट और यशवीर इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर क्रिप्टोकरेंसी का प्रमोशनल वीडियो शेयर करते थे। इंटरनेट मीडिया के ग्राहक को जाल में फंसा उससे निवेश कराते थे। वह बाइनेंस, मेटा ट्रेडर्स 4 ट्रेडिंग फोरेक्स और मेटा ट्रेडर्स 5 ट्रेडिंग फोरेक्स के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी में लेन-देन कराते थे। यह रकम वह मनी एक्सचेंजर बाइनेंस के माध्यम से भारतीय मुद्रा में बदलवाकर अपने खाते में जमा करा लेते थे।