Mathura News: घर में जन्मी तीसरी बेटी, अधेड़ उम्र के बाप को समाज ने मारे ताने, गरीबी में उठाया ऐसा कदम कि बना कन्या का कातिल
Mathura 52 वर्ष की उम्र के पड़ाव में बच्ची का जन्म परिवार हुआ तो लोगों ने ताने मारने शुरू कर दिए। घर के हालात भी ठीक नहीं थे। ऐसे में पिता ने जो कदम उठाया उसे सुनकर सभी हैरान रह गए। बच्ची की हत्या कर शव पोखर में फेंक दिया।
आगरा, जागरण टीम। मथुरा में 50-52 साल की आयु में एक मजदूर के घर जन्मी बिटिया और उसकी कमजोर आर्थिक स्थिति को लेकर समाज के कुछ लोगों ने दिए उलाहने ने उसे अपनी ही बिटिया का हत्यारा बना दिया। दस दिन की बिटिया को पहले कोई टेबलेट खिला कर मौत की नींद सुलाया और फिर शव को गांव की ही पोखर में पटक आया।
शक के दायरे में आए पिता से की गई कई दौर की पूछताछ में वह टूट गया और अपनी बिटिया की हत्या का अपराध स्वीकार कर लिया। सोमवार के पुलिस ने आरोपित मजदूर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
बेलदारी करके पाल रहा था परिवार
थाना राया क्षेत्र के गांव बना निवासी सत्यप्रकाश बेलदारी करके अपने परिवार का पाल रहा था। उसे कभी मजदूरी मिल जाती तो कभी नहीं मिल पाती। करीब 18 वर्षीय बेटा भी अपने पिता के साथ मजदूरी में हाथ बांटता है। इनके अलावा घर में पत्नी और दो बिटिया हैं। 25 अगस्त को सत्यप्रकाश की पत्नी ने बिटिया को जन्म दिया था।आर्थिक हालात नहीं थे ठीक, तीसरी बेटी ने लिया जन्म
पहले से ही उसके आर्थिक हालात ठीक नहीं थे और तीसरी बिटिया भी घर में आ गई। सत्यप्रकाश ने पूछताछ में पुलिस को बताया, समाज के लोगों ने उसकी उम्र और बिटिया के जन्म को लेकर उलाहना दिया था कि घर में दो वक्त की रोटी के लाले हैं और अभी बच्चे पैदा कर रहा है।इससे व्यथित होकर सत्यप्रकाश ने अपनी दस दिन की बिटिया को कोई टेबलेट खिला दी, जिसका नाम वह स्वयं नहीं जानता था। इससे कन्या की मौत हो गई और सत्यप्रकाश रात के अंधेरे में शव को गांव ही पोखर में चुपचाप फेंक आया और थाने आकर घर से दस दिन की बिटिया के गायब होने का मुकदमा लिखा दिया।
ये भी पढ़ें... Gyanvapi Masjid case : हिंदू पक्ष की वह दलीलें जिसके आधार पर ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आया अदालत का फैसलापुलिस को तीसरे दिन कन्या का शव गांव की ही पोखर में उतराता हुआ मिला था
पुलिस ने कन्या की तलाश में लग गई। तीसरे दिन कन्या का शव गांव की ही पोखर में उतराता हुआ मिला। स्वजन और आसपास के लोगों से पुलिस ने पूछताछ की तो शक की सुई सत्यप्रकाश की तरफ घूम गई। पुलिस ने सत्यप्रकाश को अभिरक्षा में लेकर कई दौर की और अंत में उसने अपनी ही बिटिया की हत्या किए जाने का अपराध स्वीकार कर लिया। ये भी पढ़ें... Rapid Rail: रैपिड रेल स्टेशन पर प्रीमियम कोच के यात्री एक ही टिकट पर ले सकेंगे वेटिंग लाउंज का भी आनंद
थाना प्रभारी ओम हरि वाजपेयी ने बताया, कुछ लोगों ने 50-52 साल की उम्र में बच्चे पैदा करने को लेकर आरोपित सत्यप्रकाश को उलाहना दिया। इसलिए वह परेशान हो गया और उसने कोई टेबलेट देकर बेटी को मार डाला।
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