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CGST News: व्‍यापारी ध्‍यान दें..., कर चोरी में जांच अधिकारी ही फाइनल रिपोर्ट लगाएंगे

CGST News कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने बताया कि सेंट्रल जीएसटी में शुरू से ही यह व्यवस्था लागू कर दी गई कि प्रवर्तन दल का जो अधिकारी दुकान फर्म अथवा गोदाम की जांच करेगा वही फाइनल रिपोर्ट भी लगाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Brijesh SrivastavaUpdated: Wed, 02 Nov 2022 04:12 PM (IST)
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CGST News: केंद्र सरकार ने देश में एक कर व्यवस्था के लिए जीएसटी लागू की है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। अब वाणिज्य कर विभाग (एसजीएसटी) के प्रवर्तन दल द्वारा किसी व्यापारी की दुकान, फर्म अथवा गोदाम में छापेमारी की जाएगी तो जांच अधिकारी ही फाइनल रिपोर्ट लगाएंगे। यह अहम निर्णय जीएसटी काउंसिल द्वारा लेने के बाद सर्कुलर जारी कर दिया गया है। इस निर्णय से व्यापारियों को बड़ी राहत होगी।

केंद्र सरकार ने देश में एक कर व्‍यवस्‍था जीएसटी लागू की है : केंद्र सरकार ने देश में एक कर व्यवस्था के लिए जीएसटी लागू की है। हालांकि कुछ राज्यों ने इसे अपने हिसाब से लागू किया। ऐसे में स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) के प्रवर्तन दल यानी विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइबी) की जांच व्यवस्था पूर्ववत जारी रही। व्यापार कर और मूल्य संवर्धित कर (वैट) की तरह एसआइबी की जांच प्रकरण में फाइनल रिपोर्ट लगाने का अधिकार संबंधित खंडों को बरकरार रखा गया। इसका खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा था। उन्हें सवाल-जवाब के लिए एसआइबी और खंड (दोनों) के अधिकारियों के यहां भागदौड़ करनी पड़ती थी।

क्‍या कहते हैं कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश अध्यक्ष : कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने बताया कि इन सब चीजों के कारण व्यापारी दो पाटों के बीच फंसे रहते थे। खास बात यह कि खंड स्तर से कर निर्धारण होने पर कई बार टैक्स ज्यादा लगा दिया जाता था, क्योंकि जांच के दौरान मिलने वाली गड़बड़ी के बारे में उन्हें पूरी जानकारी नहीं होती थी। जबकि सेंट्रल जीएसटी में शुरू से ही यह व्यवस्था लागू कर दी गई कि प्रवर्तन दल का जो अधिकारी दुकान, फर्म अथवा गोदाम की जांच करेगा। वही फाइनल रिपोर्ट भी लगाएगा, क्योंकि वह जांच की वास्तविक चीजों से वाकिफ होता है।