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Badaun News: नीलकंठ महादेव-जामा मस्जिद केस में अहम है आठ अगस्त का दिन, अदालत ने सुनवाई के लिए दी तारीख

Neelkanth Mahadev Mandir Jama Masjid Badaun Update News अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश पटेल ने पिछले वर्ष अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। दावा था कि जामा मस्जिद शम्मी वाली भूमि पर पूर्व में नीलकंठ महादेव मंदिर था। बाद में मुस्लिम शासकों ने मंदिर क्षतिग्रस्त कर मस्जिद बना दी। मंदिर के अवशेष होने का तर्क देते हुए उन्होंने पूजा की अनुमति मांगी थी।

By Kamlesh Kumar Sharma Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 07 Aug 2024 09:38 AM (IST)
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नीलकंठ महादेव-जामा मस्जिद मामले में कल फिर होगी सुनवाई

जागरण संवादाता, बदायूं। Badaun News: नीलकंठ महादेव-जामा मस्जिद प्रकरण में मंगलवार को अदालत में जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता की बहस जारी रही। तर्क दिया कि जामा मस्जिद की जगह वक्फ बोर्ड की सरकारी संपत्ति है। इसलिए इस पर किसी का दावा नहीं बनता, याचिका को खारिज किया जाए। अधिवक्ता ने अपने दावे के समर्थन में साक्ष्य भी प्रस्तुत किए। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 8 अगस्त की लगा दी है।

अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश पटेल की ओर से सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में याचिका दायर की गई है। इसमें जामा मस्जिद शम्सी की जगह नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया है। सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी न्यायालय के न्यायाधीश मनीष कुमार की अदालत में केस चल रहा है।

कहा, वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर लागू नहीं सिविल का कानून

मंगलवार को जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता मो.अनवार आलम और मो.असरार अहमद ने बहस जारी रखी। अधिवक्ता मोहम्मद अनवार आलम ने कहा कि यह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है, इस पर सिविल का कानून लागू नहीं होता। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों को उदाहरण के तौर पर अदालत के समक्ष रखा।

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अभी इस बात की चल रही है बहस

मोहम्मद असरार अहमद ने बताया कि अगली तारीख पर भी बहस जारी रहेगी। वादी पक्ष के अधिवक्ता वेद प्रकाश साहू ने बताया कि जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता की बहस पूरी हो जाने के बाद वह बहस करेंगे और अपने दावे के समर्थन में तथ्य और साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे। अभी इस बात पर बहस चल रही है कि यह याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं। सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद ही अदालत निर्णय लेगी। सुनवाई के दौरान वादी पक्ष और उनके अधिवक्ता भी मौजूद रहे।