Ayodhya News: भगवान राम के प्रथम विश्राम स्थल पर अब बनेगी भव्य नवग्रह वाटिका, लगेंगे रामायण कालीन पौधे
Ayodhya News अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। राम मंदिर के साथ पूरे अयोध्या का विकास हो रहा है। ऐसे में भगवान राम वन जाते समय जिस स्थल पर विश्राम किया था वहां भव्य नवग्रह वाटिका बनाई जाएगी। क्षेत्रीय वनाधिकारी सर्वेश्वर सिंह और वन रक्षक बब्लू प्रसाद ने गौराघाट पहुंच कर प्रधान प्रतिनिधि रामभारत यादव के साथ स्थल का चयन कर लिया है।
अयोध्या, [प्रमोद दुबे]। 14 वर्ष के लिए वन जाते समय प्रथम दिवस भगवान राम ने जिस स्थल पर विश्राम किया था उसे नवग्रह वाटिका से अच्छादित किया जाएगा। इस वाटिका में रामायण कालीन पौधे लगाए जाएंगे। वन महोत्सव के दौरान वाटिका बनाने को लेकर वन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। बीकापुर वन रेंज की यह पहली नवग्रह वाटिका होगी। इससे पूर्व स्थल के महत्व को देखते हुए दो पंचवटी व एक हरिशंकरी वाटिका यहां स्थापित की जा चुकी है।
भगवान राम ने वनवास जाते समय पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ तमसा नदी के किनारे गौराघाट पर पहली रात विश्राम किया था। इस पौराणिक स्थल पर वन विभाग रामायणकालीन औषधीय पौधे रोपित कर त्रेतायुगीन आभा लौटाने का प्रयास कर रहा है। यही वजह है कि एक जुलाई से शुरू हो रहे वन महोत्सव में भी विभाग की पहली पसंद गौराघाट को बना है। क्षेत्रीय वनाधिकारी सर्वेश्वर सिंह और वन रक्षक बब्लू प्रसाद ने गौराघाट पहुंच कर प्रधान प्रतिनिधि रामभारत यादव के साथ स्थल का चयन कर लिया है।
नवग्रह वाटिका का महत्व
नौ ग्रहों को शांत करने के यह वाटिका का महत्वपूर्ण होती है। वाटिका में नौ ग्रहों के अनुसार शुक्र ग्रह के लिए गूलर, चंद्र के लिए पलास, मंगल ग्रह के लिए खैर, बृहस्पति के लिए पीपल, सूर्य के लिए श्वेतार्क, शनि के लिए शमी, बुध ग्रह के लिए अपामार्ग, केतु के लिए कुश और राहु के लिए दूब का पौधा रोपित होता है।
पंचवटी का धार्मिक महत्व
भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में पंचवटी का विशेष महत्व दिया गया है। इसमें लगने वाला पीपल, बरगद, आंवला, अशोक तथा बेल का धार्मिक, आध्यात्मिक व आयुर्वेदिक महत्व होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में अच्छी भूमिका होती है। पंचवटी की स्थापना एक दूरदर्शी और पुण्य का कार्य माना जाता है।
हरिशंकरी का महत्व
मंगलभवन के महंत रामभूषण दास कृपालु कहते हैं हरिशंकरी पीपल, बरगद और पाकड के पौधा को एक साथ सम्मिलित कर रोपित किया जाता है। इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। उन्होंने कहा कि मत्स्य पुराण के अनुसार पार्वती के शाप वश भगवान विष्णु पीपल, शंकर बरगद व ब्रह्मा पाकड़ वृक्ष बन गये थे।
भगवान राम का प्रथम विश्राम स्थल होने से गौराघाट स्थित रामचौरा वन विभाग की पहली प्राथमिकता है। इसी कारण वन महोत्सव के दौरान पंचवटी से लेकर हरिशंकरी और अब नवग्रह वाटिका बनाई जा रही है।
सीतांशु पांडेय, डीएफओ