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RPF Constable Death Case: ट्रेन से कॉल कर पत्नी से बोले थे प्रदीप, सो जाऊंगा तो घबराना मत

बिहार के आरा निवासी आरपीएफ जवान प्रदीप कुमार की मौत से कोहराम मचा हुआ है। घटना की रात करीब सवा एक बजे आखिरी बार उनकी पत्नी सीमा से फोन पर बात हुई थी। प्रदीप ने बताया था कि वे ट्रेन में सवार हो रहे हैं और ट्रेनिंग सेंटर पहुंचने के बाद कॉल करेंगे। लेकिन इसके बाद उनका फोन बंद हो गया और सुबह उनके शव की खबर मिली।

By Avinash Singh Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Wed, 21 Aug 2024 08:21 PM (IST)
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आरपीएफ जवान प्रदीप कुमार की मौत के बाद सदमें में स्वजन। जागरण

संवाद सहयोगी जागरण गाजीपुर। बिहार के आरा भोजपुर के करका गांव निवासी आरपीएफ जवान प्रदीप कुमार की मौत से कोहराम मचा है। घटना की रात करीब सवा एक बजे आखिरी बात पत्नी सीमा से फोन पर बात हुई थी।

उन्होंने बताया था, वे ट्रेन में सवार हो हैं, सो जाऊंगा तो मत घबराना। ट्रेनिंग सेंटर पहुंचने के बाद काल करूंगा। पति की इन बातों को याद कर सीमा दहाड़े मारकर रो रही है। उसे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि उनका सुहाग अब इस दुनिया में नहीं है।

सीमा के भाई रोशन के अनुसार पंडित दीनदयाल स्टेशन पर तैनात आरक्षी प्रदीप कुमार अलीनगर थाना क्षेत्र के आलूमिल के पास किराये के मकान में रहते थे।

वर्ष 2015 में सीमा से शादी हुई थी। एक पुत्री सात वर्षीय शिवन्या, पांच वर्षीय शिवम व तीन वर्षीय छोटू है। ट्रेनिंग सेंटर जाने से पूर्व प्रदीप घर गए। एक सप्ताह के लिए जा रहे पति को रास्ते में खाने के लिए सीमा ने पकवान बनाया। दरवाजे तक छोड़ने आई।

छोटे बेटे छोटू को गले से लगाकर प्रदीप ने लाड-प्यार किया। इसके बाद वह पीडीडीयू के लिए निकल गए। पति को एक सप्ताह के लिए जाते देख सीमा की आंखें डबडबा गईं। इस दौरान प्रदीप रुके और समझाकर निकल गए। उन्हें क्या पता था कि वह जा तो रहे हैं, लेकिन कभी लौटकर नहीं आएंगे।

रात में प्रदीप से बात होने के बाद सुबह करीब साढ़े सात बजे के बाद सीमा फोन मिलाई तो उनका मोबाइल बंद था। इससे वह सोची की वह मोबाइल बंद कर कुछ काम कर रहे होंगे। इसके बाद फोन नहीं किया।

मौत की खबर मिली तो मुंह से नहीं निकली आवाज

प्रदीप का शव मंगलवार की सुबह बकैनिया गांव के समीप रेलवे ट्रैक पर मिला। शिनाख्त शाम को हुई तो विभागीय अधिकारियों ने सीमा को फोन कर इसकी जानकारी दी। पति के मौत की खबर सुनी तो कुछ देर के लिए मुंह से आवाज नहीं निकली। फोन कटा और वह कुछ देर माथा पकड़कर बैठी रही, इसके बाद प्रदीप के बड़े भाई संतोष को फोन कर पूरे मामले से अवगत कराया।