बढ़ने लगी मालगाड़ियों की रफ्तार, कम समय में पहुंचने लगी आवश्यक और खाद्य सामग्री Gorakhpur News
पूर्वोत्तर रेलवे के रूट पर चलने वाली मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ गई है। अब मालगाड़ियां 25.58 किमी प्रति घंटे की जगह 46.66 किमी प्रति घंटे की गति से चलने लगी हैं। इसका सीधा असर सामान की ढुलाई पर पड़ा है।
गोरखपुर, जेएनएन : पूर्वोत्तर रेलवे के रूट पर चलने वाली मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ गई है। अब मालगाड़ियां 25.58 किमी प्रति घंटे की जगह 46.66 किमी प्रति घंटे की गति से चलने लगी हैं। इसका सीधा असर सामान की ढुलाई पर पड़ा है। देश के एक से दूसरे छोर तक समय से आवश्यक और खाद्य सामग्री पहुंचने लगी है। मालगाड़ियों के जरिये सामान की ढुलाई होने से रेलवे की कमाई भी बढ़ गई है।
माल यातायात में वृद्धि के लिए उठाए गए अनेक प्रभावी कदम
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे में माल यातायात में वृद्धि के लिए अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं। इसके चलते माल लदान में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। वित्तीय वर्ष 2021- 22 के प्रथम माह अप्रैल में 0.3904 मीट्रिक टन माल का लदान हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 174.54 फीसद अधिक है। कोरोना संक्रमण के इस कठिन दौर में यह उपलब्धि पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के योजनाबद्ध रूप से समेकित प्रयासों का परिणाम है।
बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट का किया गया गठन
माल लोडिंग एवं अनलोडिंग के मामलों के बारे में त्वरित निर्णय के लिए लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल, मुख्यालय गोरखपुर तथा रेलवे बोर्ड स्तर पर बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट का गठन किया गया है। यूनिट के प्रयासों से पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से बांग्लादेश तक आटोमोबाइल्स की ढुलाई हो रही है। आटोमोबाइल्स ढुलाई के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के कारखानों में युद्धस्तर पर न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन (एनएमजी) तैयार किए जा रहे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे में 445 पुराने कोचों को परिवर्तित कर एनएमजी तैयार किया गया है। इन कोचों के तैयार होने से रेलवे के खर्चों में कमी आई है। कम लागत में नए वैगन तैयार हो गए हैं। एनएमजी वैगन से आटोमोबाइल्स की ढुलाई में बढ़ोत्तरी हुई है। लखनऊ स्थित बख्शी का तालाब तथा नेपाल सीमा पर स्थित नौतनवां स्टेशन को आटोमोबाइल्स यार्ड के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां से बड़े पैमाने पर आटोमोबाइल्स की लोडिंग-अनलोडिंग हो रही है।